कोरोना वायरस: निज़ामुद्दीन मरकज़ के मरीज़ों की बाढ़ से कैसे निपटेगी दिल्ली

  • गुरप्रीत सैनी
  • बीबीसी संवाददाता
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दिल्ली में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों का आंकड़ा 152 पहुंच गया है. इनमें 53 लोग निज़ामुद्दीन के मरक़ज़ के हैं.

ज़ाहिर है, इस हालिया मरक़ज़ घटनाक्रम के बाद दिल्ली में कोरोना संक्रमितों की संख्या अचानक बढ़ी और आने वाले वक्त में और बढ़ सकती है, ये आशंका दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी जताई है.

निज़ामुद्दीन के आलमी मरक़ज़ से निकाले गए अन्य सैंकड़ों लोगों में भी कोरोना के लक्षण मिले हैं, इनकी टेस्ट रिपोर्ट का फिलहाल इंतज़ार किया जा रहा है.

साथ ही इन लोगों के संपर्क में आए दिल्ली के तमाम दूसरे लोगों का पता लगाने की भी कोशिश की जा रही है.

ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि आने वाले वक्त के लिए दिल्ली सरकार और यहां की स्वास्थ्य व्यवस्था कितनी तैयार है?

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कितने मामले बढ़ने का डर

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के मुताबिक 36 घंटे के अभियान के बाद बुधवार तड़के निज़ामुद्दीन के आलमी मरकज़ की बिल्डिंग को पूरी तरह खाली करा लिया गया है.

जहां से कुल 2346 लोगों को निकाला गया है, इनमें खांसी, बुखार जैसे लक्षणों से पीड़ित 536 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और बाकी 1810 लोगों को क्वारंटीन में रखा गया है.

वहीं दिल्ली के मजनूं का टीला स्थित गुरुद्वारे में भी 200 से ज़्यादा लोगों के मौजूद होने का पता चला. अब गुरद्वारे में मौजूद लोगों को एक स्कूल में शिफ्ट किया गया है.

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि अगर इन सब में से बहुत-से लोग संक्रमित निकलते हैं तो उनके संपर्क में आए कई दूसरे लोग भी संक्रमित होंगे.

"कई लोग ट्रैक ही नहीं हो पाएंगे, जिससे कम्युनिटी स्प्रेड होने का ख़तरा है. इनसे कोरोना कितना फैला है, ये इस हफ्ते में पता चलेगा."

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आगे फैलने से रोकने की क्या कोशिशें

मरक़ज़ से मिले लोगों के संपर्क में आए अन्य लोगों का पता लगाने के लिए दिल्ली सरकार ने कोशिशें शुरू कर दी हैं. इनकी कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग की जा रही है.

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जानकारी दी है कि मरक़ज़ से मिले सभी लोगों की लिस्ट बनाकर और उनके फोन नंबर लेकर पुलिस को दे दिए गए हैं.

पुलिस की साइबर सेल इन सबके नंबरों की जांच करेगी और देखेगी कि ये किस-किस से मिले हैं.

वहीं बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सरकार के अन्य अधिकारियों और उप राज्यपाल के साथ संयुक्त बैठक के दौरान सलाह दी कि फायर ब्रिगेड की गाड़ियों का इस्तेमाल कर हॉट स्पॉट इलाक़ों, क्वारंटीन केंद्रों और सार्वजनिक जगहों पर दवाई का छिड़काव किया जाना चाहिए.

ताकि अगर संक्रमित लोगों के ज़रिए इन जगहों पर वायरस पहुंचा है तो उसे ख़त्म किया जा सके.

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दिल्ली कितनी तैयार?

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दिल्ली सरकार ने आगे की स्थिति की तैयारी के लिए पांच डॉक्टर्स की एक टीम बनाई थी. जिसने सरकार को रिपोर्ट दे दी है.

मुख्यमंत्री केजरीवाल का दावा है कि उस रिपोर्ट के आधार पर उन्होंने पूरी तैयारियां कर ली हैं.

उन्होंने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था, "अगर प्रति दिन 100 मामले भी बढ़ते हैं तो उस स्थिति से निपटने के लिए हम पूरी तरह तैयार हैं. अगर एक दिन में 500 मामले बढ़ते हैं, तो उसके लिए भी तैयार हैं. मान लीजिए 1000 केस भी बढ़ जाएं, तो उसके लिए भी हम तैयार हैं. हमने सभी टेस्टिंग किट का इंतज़ाम कर लिया है.एम्बुलेंस का इंतज़ाम कर लिया है.आईसीयू के बेड का इंतज़ाम कर लिया है. हम पीपीई का इतंज़ाम कर रहे हैं, इसमें थोड़ी शॉर्टेज है."

दिल्ली सरकार की ओर से बनाई गई पांच डॉक्टर्स वाली सरीन कमिटी की अध्यक्षता करने वाले डॉक्टर शिव कुमार सरीन ने बीबीसी को दिल्ली सरकार की तैयारी के बारे में बताया.

उन्होंने कहा, "दो अस्पताल पूरी तरह तैयार हैं. इन अस्पतालों में आइसोलेशन की भी सुविधा है. नॉन- हॉस्पिटल आइसोलेशन या क्वारंटीन के लिए कई धर्मशाला, होटल, हॉस्टल को तैयार किया हुआ है. टेस्टिंग की भी अच्छी सुविधा की गई है. दिल्ली के 17 से 20 सरकारी अस्पताल सैंपल इकट्ठा कर रहे हैं. इन सैंपल को इकट्ठा करके लेडीहार्डिंग अस्पताल, आईएलबीएस समेत दो-तीन अस्पतालों में सैंपल, टेस्टिंग के लिए भेजे जा रहे हैं."

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कोरोना मरीज़ों के लिए अस्पताल

दिल्ली में दो बड़ी क्षमता वाले अस्पतालों - लोक नायक अस्पताल और राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल को कोरोना वायरस के मरीज़ों के लिए पूरी तरह इस्तेमाल किया जा रहा है.

इसके अलावा बेकअप में गुरु तेग बहादुर अस्पताल, दीन दयाल अस्पताल और बाबा साहेब अम्बेडकर अस्पताल को रखा गया है. मरक़ज़ से लाए गए कई लोगों को दिल्ली के लोक नायक अस्पताल में भर्ती किया गया है.

वहां के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, अस्पताल में फिलहाल 500 बेड हैं. इसके अलावा लोक नायक अस्पताल में 64 वेंटिलेटर्स हैं और जीपी पंत अस्पताल में 80 वेंटिलेटर्स हैं.

दिल्ली के अस्पतालों में इस वक्त 768 लोग भर्ती हैं. जिनमें से फिलहाल सिर्फ एक व्यक्ति वेंटीलेटर पर है.

डॉ सरीन के मुताबिक, लोक नायक अस्पताल में 200 आईसीयू बेड तक आ सकते हैं, वहीं राजीव गांधी अस्पताल में भी 200 आईसीयू बेड तक आ सकते हैं. इसके अलावा लोक नायक अस्पताल में 1000 आइसोलेशन बेड आ सकते हैं. वहीं राजीव गांधी अस्पताल में करीब 400 आइसोलेशन आने की क्षमता है.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कहा कि कि ज़रूरत पड़ने पर प्राइवेट अस्पतालों और उनके स्वास्थ्य कर्मियों की भी सेवाएं ली जा सकती हैं.

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दिल्ली में 72 हज़ार पंजीकृत डॉक्टर

दिल्ली मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष डॉ अरुण कुमार गुप्ता ने बीबीसी हिंदी को बताया कि पूरे दिल्ली में 72 हज़ार पंजिकृत डॉक्टर हैं और इनमें से 40 से 50 हज़ार डॉक्टर किसी भी वक्त सक्रिय रूप से काम करते हैं.

डॉ सरीन समिति ने दिल्ली सरकार को सुझाव दिया था कि कोरोना के मामले बढ़ने पर सभी डॉक्टर,नर्सेस, टेक्निशियन को अन्य कामों से हटाकर कोरोना के मरीज़ों के लिए लगा दिया जाए.

कमिटी के अन्य सुझाव:

  • लोक नायक अस्पताल और राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में डॉक्टर्स की सुरक्षा के लिए एक वक्त में पांच हज़ार पीपीई, 10 हज़ार एन95 मास्क, और एक लाख सर्जिकल मास्क होने चाहिए.
  • अस्पताल में 50 आईसीयू, वेंटिलेशन बेड हों. आइसोलेशन के लिए 200 बेड हों.
  • दिल्ली में 200 एम्बुलेंस में से 26 कोरोना के मरीज़ों के लिए रखी गई हैं. मरीज़ बढ़ने पर इनकी संख्या 50 प्रतिशत कर दी जाए.
  • इसके अलावा हर अस्पताल जिसके पास 100 बेड से ज़्यादा हैं, वो एक-एक एम्बुलेंस इस काम के लिए लगाएंगे.
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टेस्टिंग

डॉ सरीन के मुताबिक उनकी समीति ने हर रोज़ दिल्ली में तीन हज़ार टेस्ट कराने का सुझाव दिया था. और कहा था कि इसके लिए दो-तीन हफ्ते एडवांस में 50 हज़ार किट मंगवाकर रखनी चाहिए.

उनके मुताबिक, दिल्ली सरकार की कैबिनेट ने समिति के सभी सुझाव मान लिए हैं और "टेस्ट किट का ऑर्डर भी दे दिया था. लेकिन किट बनाने वाले के पास मेटेरियल नहीं है. इसलिए माय लैब नाम की कंपनी किट धीरे-धीरे दे रही है. लेकिन इस वक्त हमारे पास आईएलबीएस में ढाई-तीन हज़ार की किट है. ज़रूरत पड़ने पर हम टेस्ट कर सकते हैं. इसके अलावा प्राइवेट लैब में भी क्षमता है."

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को चिंता जताई कि दिल्ली में टेस्टिंग किट की शॉर्टेज है.

उन्होंने बताया कि एडवांस पैसे देकर किट का ऑर्डर दिया गया है, जिनमें से कुछ किट पुणे से आने लगी हैं. हालांकि और भी किट की ज़रूरत पड़ेगी.

उन्होंने कहा, "पूरी दुनिया में कोरोना की टेस्टिंग को बहुत अहम बताया जा रहा है. क्योंकि टेस्ट के ज़रिए ही कोरोना संक्रमित लोगों की पहचान की जा सकती है और उन्हें दूसेर लोगों से अलग कर संक्रमण को फैलने से बचाया जा सकता है."

बुधवार को भी मुख्यमंत्री केजरीवाल ने केंद्र सरकार से दिल्ली के लिए पीपीई और टेस्टिंग किट देने की भी अपील की.

हालांकि कल यानी मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उद्योगपतियों और समृद्ध लोगों से अपील की कि हो सके तो वो डोनेशन के बजाए सरकार को सीधे पीपीई, वेंटिलेटर और टेस्टिंग किट खरीदकर दें.

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