कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्यों की सरकारें अपने स्तर पर भी इससे निपटने की तैयारियों में जुटी हैं. पिछले दिनों स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता लव अग्रवाल ने यह जानकारी दी थी कि देश के 17 राज्य कोरोना वायरस के मरीजों के उपचार के लिए अलग कोविड-19 अस्पताल बनाने में जुटी हैं. अब उत्तर प्रदेश में पहला कोविड-19 अस्पताल बनकर तैयार हो गया है.
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राजधानी लखनऊ में बनकर तैयार इस हॉस्पिटल में जल्द ही कोरोना के मरीजों का उपचार शुरू कर दिया जाएगा. कोरोना से जंग के लिए तैयार किए गए इस अस्पताल को आधुनिक वेंटिलेटर और अन्य उपकरणों से लैस किया गया है. लखनऊ पीजीआई ने अपने नवनिर्मित ट्रॉमा सेंटर को कोविड-19 हॉस्पिटल में तब्दील कर दिया है. पीजीआई से लगभग दो किलोमीटर दूर वृंदावन योजना में बने इस अस्पताल की क्षमता 240 बेड की है.
इस ट्रॉमा सेंटर में उपचार के लिए भर्ती मरीजों को पीजीआई में शिफ्ट कर इसे पूरी तरीके से कोविड-19 अस्पताल में तब्दील कर दिया गया है. इस आशंका को देखते हुए कि आने वाले वक्त में कोविड-19 के मरीजों की संख्या बढ़ सकती है और उन्हें वेंटिलेटर की जरूरत पड़ सकती है, सरकार ने कोरोना के लिए यह अस्पताल तैयार किया है. इस अस्पताल की जिम्मेदारी इमरजेंसी के प्रभारी डॉक्टर आर के सिंह को दी गई है.
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डॉक्टर आर के सिंह ने बताया कि कोरोना के उपचार के लिए जरूरी हर संसाधन की उपलब्धता पर ध्यान दिया गया है. ओपीडी और इमरजेंसी से लेकर आईसीयू तक की तैयारियां हैं, जिसमें वेंटिलेटर भी शामिल है. उन्होंने कहा कि आइसोलेशन वार्ड और क्वारनटीन सेंटर भी तैयार किए गए हैं.
डॉक्टर सिंह ने कहा कि शुरुआत में करीब 35 वेंटिलेटर के साथ अगले कुछ दिनों में इस कोविड-19 हॉस्पिटल में उपचार शुरू कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो अस्पताल में बेड और वेंटिलेटर की क्षमता को बढ़ाया भी जा सकता है.
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