COVID-19 हॉटस्पॉट में डॉक्टरों और मेडिकल स्टॉफ की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वीके पॉल की अगुवाई में एक मेडिकल इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम का गठन किया गया है.
इसी तरह फॉर्मा सचिव पीडी वाघेला की अगुवाई में एक अन्य टीम का गठन किया गया है जिसका काम यह सुनिश्चित करना है कि वेंटिलेटर के साथ-साथ प्रोटेक्टिव गीयर्स, मास्क और सैनिटाइजर जैसे चिकित्सा उपकरणों की नियमित आपूर्ति हो. AIIMS के निदेशक रणदीप गुलेरिया को भी इस ग्रुप में शामिल किया गया है.
पर्यावरण सचिव सीके मिश्रा के अंडर में एक टीम का गठन किया गया है जिसका काम यह सुनिश्चित करना है कि देशभर में पर्याप्त अस्पताल और क्वारनटीन जैसी सुविधाएं बनी रहें.
सचिव रैंक के अधिकारी अरुण पांडा को बड़ी संख्या में लोगों को महामारी से निपटने के लिए तैयार करने को लेकर मानव संसाधन और क्षमता निर्माण को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जिम्मेदारी दी गई है.
इसके अलावा यह सुनिश्चित करने के लिए एक अलग समूह बनाया गया है कि देशभर में भोजन और दवाओं की कोई कमी नहीं हो और वे लगातार राज्य सरकारों के संपर्क में रहेंगे.
नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत को प्रतिक्रिया संबंधी गतिविधियों के लिए निजी क्षेत्र और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ समन्वय करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
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अतनु को आर्थिक उपायों की जिम्मेदारी
महामारी के कारण पीड़ित लोगों के लिए आर्थिक और कल्याणकारी उपाय तैयार करने की जिम्मेदारी आर्थिक मामलों के सचिव अतनु चक्रवर्ती को सौंपी गई है, जबकि सूचना और प्रसारण (I&B) सचिव रवि मित्तल के पास सार्वजनिक सूचनाओं को संभालने और सार्वजनिक जागरूकता अभियान चलाने की जिम्मेदारी दी गई है.
मानव संसाधन विकास (HRD) सचिव अमित खरे को सार्वजनिक शिकायतों को निपटाने और कोरोना वायरस से निपटने के उपायों में सुधार के लिए सुझाव देने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. आईटी सचिव अजय साहनी के पास महामारी से जुड़े आंकड़ों के डेटा प्रबंधन का काम दिया गया है.