AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने प्रवासियों के पलायन को लेकर राज्यों सरकारों पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार की सरकारें इन फंसे प्रवासियों के लिए कुछ नहीं कर रही हैं. उनकी जिंदगी के साथ खिलवाड़ हो रहा है. भारत के बहुसंख्यक वर्ग के बारे में बिना सोचे लॉकडाउन क्रूरता है.
State governments of UP, WB & Bihar are doing nothing to aid these stranded migrants. You cannot "play it by the ear" with people's lives. A lockdown without thinking about the welfare of India's vast majority is plain cruelty
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) March 28, 2020
ओवैसी ने कहा कि दिल्ली में प्रवासियों को बसों में भरकर भेजा जा रहा है, जबकि तेलंगाना में फंसे प्रवासियों के पास कोई बैंक खाता, कोई राशन कार्ड और कोई सुरक्षा जाल नहीं है? अगर यूपी अपने प्रवासियों को वापस ले सकता है, तो क्या तेलंगाना को भी ऐसा करना चाहिए?
आगे ओवैसी ने कहा कि ये किस तरह का सेंट्रल लॉकडाउन है, जहां प्रवासियों को यात्रा करने की अनुमति है, जबकि दूसरों को नहीं है. यदि सरकार दिल्ली के यूपी प्रवासियों को वापस भेज सकती है तो तेलंगाना सरकार भी फंसे प्रवासियों की सहायता करे.
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प्रवासियों का पलायन बड़ी चुनौती
बता दें कि लॉकडाउन के बाद देशभर में मजदूरों का अपने-अपने घर के लिए पलायन एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है. दिल्ली एनसीआर का हाल बुरा है, जहां मजदूर, रिक्शाचालक और फैक्टरी कर्मचारी अपने-अपने गांव की ओर लौटने के लिए हजारों की तादाद में निकल पड़े हैं.
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गृहमंत्री ने मुख्यमंत्रियों से बात
लॉकडाउन के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की और प्रवासी मजदूरों के पलायन को रोकने को कहा. साथ ही बेघरों, मजदूरों के रहने का इंतजाम करने, भोजन, दवा और कपड़ा मुहैया कराने को भी कहा गया है.