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RBI News in Hindi: RBI Press Conference: EMIs put on hold, big-bang interest rate cut as RBI joins fight against coronavirus
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RBI की बैंकों को सलाह: तीन महीने ईएमआई में दें राहत, सभी तरह के लोन होंगे सस्ते
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: डिंपल अलवधी
Updated Fri, 27 Mar 2020 11:35 AM IST
सार
आम जनता को लॉकडाउन के दौरान कोई असुविधा न हो, इसके लिए भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने महत्वपूर्ण एलान किए। उन्होंने जनता के लिए सभी तरह के लोन सस्ते किए। रेपो रेट में कटौती से आपकी ईएमआई घटेगी। साथ ही तीन महीने तक ईएमआई देने में राहत का भी एलान किया गया।
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास
- फोटो : ANI
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विस्तार
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खास बातें:
रेपो रेट में 75 आधार अंकों की कटौती। मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) के छह में से चार सदस्यों ने रेट कट के पक्ष में वोट किया।
रेपो रेट 5.15 फीसदी से घटकर 4.40 फीसदी हो गई है। इससे सभी तरह के कर्ज सस्ते होंगे।
इसके अतिरिक्त आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट में भी 0.90 फीसदी की कटौती की है। अब यह 4.90 फीसदी से घटकर चार फीसदी हो गई है।
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कोरोना वायरस की वजह से दुनियाभर में आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुईं। इसका असर कितना होगा, यह अभी नहीं कहा जा सकता। लेकिन कच्चे तेल की कीमतें घटने से कुछ राहत मिलेगी।
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कच्चे तेल के दाम और मांग में कमी से कोर (मुख्य) मुद्रास्फीति कम होगी।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कोविड-19 के चलते अर्थव्यवस्था को होने वाले खतरे को देखते हुए एमपीसी ने समय से पहले ही समीक्षा बैठक की। समीक्षा बैठक 24 से 27 मार्च तक चली।
दास ने कहा है कि उनका ध्यान आर्थिक स्थिरता पर है और विश्व के कई देश कोरोना वायरस की महामारी से लड़ रहे हैं। देश में लॉकडाउन के चलते आर्थिक गतिविधियां ठप हैं। इसलिए आरबीआई का ध्यान लोगों को राहत देने में हैं।
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आरबीआई ने सभी बैंकों को सलाह दी है कि वो लोन लेने वालों की ईएमआई अगले तीन महीनों के लिए टाल दें।
साथ ही आरबीआई ने बैंकों को इजाजत दे दी है कि वह अगले तीन महीने यानी जून 2020 तक वर्किंग कैपिटल लोन पर ब्याज न वसूलें। वर्किंग कैपिटल लोन वह कर्ज होता है, जिसे कंपनियां अपने हर दिन के लिए खर्च के लिए लेती हैं।
आरबीआई ने सभी बैंकों का कैश रिजर्व रेश्यो भी एक फीसदी यानी 100 आधार अंक घटाकर तीन फीसदी कर दिया है। यह पूरे एक साल के लिए चार फीसदी की बजाए तीन फीसदी होगा। इसके तहत बैंक अपनी जमा का कुछ फीसदी आरबीआई के पास रखते हैं। इसमें कटौती होने से 1.37 लाख करोड़ रुपये की रकम बैंकों को मिल पाएगी।
इसके अतिरिक्त लिक्विडिटी एड्जेस्टमेंट फैसिलिटी (LAF) में भी 0.9 फीसदी की कटौती की घोषणा की गई है। अब एलएएफ घटकर चार फीसदी हो गया है। इन तमाम उपायों से अर्थव्यवस्था में 3.74 लाख करोड़ रुपये की नकदी बढ़ने का अनुमान है।
उन्होंने जमाकर्ताओं की चिंताओं को दूर करते हुए कहा कि भारतीय बैंकिंग सिस्टम पूरी तरह सुरक्षित है। इसके साथ ही दास ने बैंकों के शेयरों की कीमतों को सुरक्षा की दृष्टि से देखने वाली सोच को बिल्कुल गलत बताया है। आरबीआई गवर्नर ने निवेशकों से डर के चलते निकासी से बचने के लिए भी कहा है।
शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को सभी से लेनदेन में डिजिटल तौर तरीकों को बढ़ावा दिये जाने पर जोर दिया। उनकी यह टिप्पणी कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए किये जा रहे उपायों के लिहाज से काफी अहम है।
दास ने मौद्रिक नीति समिति के निर्णयों की घोषणा करते हुए कहा कि कोरोना वायरस से फैली महामारी के कारण अनिश्चितता की स्थिति है, अत: आर्थिक वृद्धि दर तथा मुद्रास्फीति के पूर्वानुमान से बचा गया है।
आरबीआई गवर्नर ने साफ किया कि शेयर बाजारों में पिछले दिनों आई गिरावट से बैंकों के शेयर भी टूटे, लेकिन इसका ग्राहकों से कोई मतलब नहीं। बैंकों में लोगों का पैसा सुरक्षित है।
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