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Coronavirus : know which countrys people less or Least wash their hands, Keep washing hands
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Covid-19 : क्या आप जानते हैं किस देश के लोग सबसे कम धोते हैं हाथ
कोरोना वायरस के कारण इस समय पूरी दुनिया में हाहाकार मचा हुआ है। इस वैश्विक माहमारी से हजारों लोगों की जान जा चुकी है। हाथों को धोते रहना इससे बचाव का सबसे प्रभावी तरीका बताया जा रहा है। लेकिन कुछ देश ऐसे हैं जहां हाथ धोना लोगों की आदत में शुमार ही नहीं है। या फिर यूं कहें कि ऐसे देश जहां लोग कमी ही हाथ धोते हैं। आइए जानते कौन से हैं वो देश...
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कोरोना से बचाव के लिए हाथ धोना जरूरी
कोरोना से बचाव के लिए हाथ धोना जरूरी
कोरोना संकट के अलावा पूरी दुनिया के कई देश एक और संकट से भी जूझ रहे हैं। जी हां, यह संकट है पानी की कमी का। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना वायरस के संकट के समय बार-बार हाथ धोने को सबसे जरूरी बुनियादी एहतियाती कदम बताया है। लेकिन दुनियाभर के कई देश पानी की कमी से जूझ रहे हैं। क्लाइमेट ट्रेंड्स के विश्लेषण में इसे वॉटर स्ट्रेस या जल तनाव कहा गया है।
हाथ धोना संस्कृति या आदत में शुमार नहीं
जिन देशों के लोगों में हैंडवॉश या हाथ धोना उनकी संस्कृति या आदत में शुमार नहीं है, वे खुद ही कोविड-19 को न्योता देने का जोखिम उठा रहे हैं। यह बात यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिंघम के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन के आधार पर कही है।
बीवीए फ्रांस सार्ल और स्वतंत्र रूप से बाजार का अध्ययन करने वाली संस्था गैलप इंटरनेशनल ने मिलकर यह अध्ययन किया था। जिसके आंकड़े साल 2015 में प्रकाशित किए गए थे। अध्ययन 63 देशों को शामिल किया गया था। हर देश से कम से कम 500 लोगों से जानकारी ली गई थी।
चीन से लेकर अमेरिका तक, जानें क्या कहते हैं आंकड़े
अध्ययन में कहा गया है कि चीन में 77 फीसदी लोग ऐसे हैं जिनमें शौचालय का उपयोग करने के बाद स्वत: हाथ धोने की आदत नहीं है। जापान में 70 फीसदी, दक्षिण कोरिया में 61 फीसदी और नीदरलैंड में यह 50 फीसदी है।
इनकी ही तरह थाईलैंड और केन्या में 48 फीसदी लोग ऐसे हैं जो कम ही हाथ धोते हैं, इटली में 43 फीसदी ऐसे लोग हैं। भारत इस मामले में 10वें नंबर पर है, यहां 40 फीसदी लोग हैं। ब्रिटेन और अमेरिका में क्रमश: 25 और 23 प्रतिशत ऐसे लोग हैं। यानि यहां ज्यादातर या करीब 75 फीसदी लोग अपने हाथ धोते हैं।
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किस देश में सबसे ज्यादा हाथ धोते हैं लोग
हाथ धोने की आदत के मामले में सबसे अच्छा देश है सऊदी अरब। जी हां, अध्ययन के मुताबिक यहां सिर्फ और सिर्फ 3 फीसदी लोग ऐसे हैं जो आदतन हाथ नहीं धोते हैं। इसके बाद बोस्निया, अल्जीरिया, लेबनान और पापुआ न्यू गिनी भी ऐसे ही देश हैं।
20 सेकंड तक साबुन से हाथ क्यों धोना चाहिए?
कोविड19 के प्रकोप के बीच कहा जा रहा है कम से कम 20 सेकंड तक साबुन से हाथ धोएं। सवाल यह है कि आखिर यह इतना जरूरी क्यों है? इसका जवाब है कि साबुन से हाथ धोने पर कोविड 19 वायरस के मॉलीक्यूल्स टूट जाते हैं।
इस बारे में बर्मिंघम लॉ स्कूल के डॉ. एलेक्स खारलामोव कहते हैं कि समय बताएगा कि कोविड19 की चुनौति क्या पूरे विश्व में हाथ धोने की आदत या हैंडवॉशिंग की संस्कृति को बढ़ाने में कोई मदद करेगी या नहीं। हालांकि आंकड़े यही कह रहे हैं इस हाथ धोने की संस्कृति और वायरस के संपर्क में आने से बचाव में काफी हद तक सीधा संबंध है।
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