कोरोना लॉकडाउन: 80 करोड़ ग़रीबों को तीन महीने तक मुफ़्त अनाज

निर्मला सीतारमण

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कोरोना वायरस संकट के कारण देश में लगाए गए 21 दिनों के लॉकडाउन को देखते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को विशेष आर्थिक पैकेज का एलान किया.

इसके तहत 80 करोड़ ग़रीबों को अगले तीन महीने तक मुफ़्त आटा या चावल और एक किलो दाल देने की घोषणा की गई है. इसके अलावा ग़रीब महिलाओं को सिलेंडर भी मुफ़्त में मिलेगा.

1.70 लाख करोड़ रुपये के इस पैकेज का एलान करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि ग़रीबों के लिए खाने का इंतज़ाम किया जाएगा और डीबीटी के माध्यम से पैसे भी ट्रांसफ़र किए जाएंगे.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा कि प्रवासी मज़दूरों और शहरी-ग्रामीण ग़रीबों की तुरंत आवश्यकता के लिए पैकेज तैयार है, कोई भी भूखा नहीं रहेगा.

इसके अलावा सरकार ने ईपीएफ़ को लेकर भी बड़ी घोषणा की है. इसके तहत तीन महीनों तक कंपनी और कर्मचारी, दोनों के हिस्से का योगदान सरकार की ओर से जाएगा. यह घोषणा उन संस्थानों के लिए है जहां 100 से कम कर्मचारी हैं और 90 फ़ीसदी कर्मचारियों का वेतन 15 हज़ार रुपये से कम है.

सरकार की ओर से कोरोना की लड़ाई में शामिल स्वास्थ्य कर्मियों और अन्य स्टाफ़ के लिए 50 लाख का इंश्योरेंस कवर देने की भी घोषणा की . इससे 20 लाख कर्मचारियों को लाभ मिल सकता है.

साथ ही सरकार ने प्रधानमंत्री ग़रीब कल्याण अन्न योजना के तहत ग़रीबों को अगले तीन महीने तक पांच किलो चावल/गेहूं मुफ़्त देने की घोषणा की. इस योजना के तहत 80 करोड़ लोगों को कवर किया जाना है. इसके अलावा हर परिवार को एक किलो दाल भी मिलेगी.

उज्ज्वला योजना की लाभार्थी आठ करोड़ महिलाओं को भी अगले तीन महीनों तक मुफ़्त सिलेंडर दिया जाएगा.

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वित्त मंत्री ने कहा कि देश के मज़दूरों और ग़रीबों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार लगातार प्रयास कर रही है, प्रधानमंत्री ग़रीब कल्याण पैकेज के तहत गरीबों और मज़दूरों की मदद की जा रही है.

उन्होंने कहा, "कोई ग़रीब खाने की समस्या से न जूझे इसलिए इस पैकेज के माध्यम से पांच किलो गेहूं या चावल क़रीब 80 करोड़ लाभार्थियों को अगले तीन महीने तक दिया जाएगा. यह लाभ पीडीएस के तहत मिलने वाले लाभ से अलग होगा. इसके लिए उन्हें कोई पैसा नहीं देना होगा."

किसानों को दी जाएगी आर्थिक सहायता

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस पैकेज में किसानों के लिए भी घोषणा की. उन्होंने कहा कि देश के 130 करोड़ लोगों का पेट भरने के लिए अन्नदाता सालभर भरपूर कोशिश करते हैं.

उन्होंने कहा, "किसानों के खाते में 2000 रुपये की किश्त हर महीने डाली जाएगी. 8.70 लाख किसानों के खाते में अप्रैल के पहले हफ़्ते में ये किश्त ट्रांसफर कर दी जाएगी." ये किश्त किसान सम्मान निधि योजना के तहत दी जा रही है. अब तक किसानों को सालाना 6 हजार रुपये दिया जाता है.

"ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के माध्यम से जो लोग अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं उनके लिए मज़दूरी 182 रुपये से बढ़ाकर 202 रुपये कर दी गई है. इससे उनकी आय में क़रीब 2000 रुपये की वृद्धि होगी."

इसके अलावा 20 करोड़ महिला जनधन खातों में अगले तीन महीने तक 500-500 रुपये डाले जाएंगे.

"मनरेगा की तरह ही वृद्धों, विधवाओं और दिव्यांगों के लिए अतिरिक्त 1000 रुपये पेंशन के तौर पर दिए जाएंगे. दो अलग-अलग किश्तों में ये पैसा दिया जाएगा. यह पैसा सीधे उनके बैंक खातों में जाएगा ताकि किसी भी तरह से कोई उनका हक न मार सके."

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस दौरान असंगठित के अलावा संगठित क्षेत्र के लिए भी पैकेज की घोषणा की.

आगे पढ़ें, और क्या-क्या घोषणाएंहुईं

  • गरीब परिवार की महिलाओं को उज्ज्वला योजना के तहत 8 करोड़ महिलाओं को मोदी सरकार ने एलपीजी सिलेंडर उपलब्ध कराया. रसोई गैस के सिलेंडर की दिक्कत न हो इसलिए ऐसी 8 करोड़ से अधिक महिलाओं को अगले तीन महीने तक मुफ़्त में एलपीजी सिलेंडर दिए जाते रहेंगे.
  • 63 लाख स्वयं सहायता समूहों को जिनसे सात करोड़ परिवार जुड़े गुए हैं, उन्हें 10 लाख की जगह 20 लाख रुपये देने का प्रावधान किया गया है. यह लोन बिना किसी गारंटी के मिलेगा.
  • संगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए जो नौकरी करने वाले हैं या नौकरी देने वाले हैं, वो संस्थान जहां 100 से कम कर्मचारी हैं और वो कर्मचारी जिनकी आय 15000 रुपये से कम है इनके लिए सरकार पीएफ का कुल पैसा यानी करीब 24 फ़ीसदी पैसा तीन महीने तक ख़ुद वहन करेगी.
  • पीएफ स्कीम रेगुलेशन में बदलाव कर नॉन रिफंडेबल एडवांस यानी 75 फ़ीसदी जमा रकम या तीन महीने का वेतन निकालने की सुविधा दी जाएगी.
  • कंस्ट्रक्शन सेक्टर में काम कर रहे मजदूरों के लिए सरकार अलग से फंड जारी कर रही है. बिल्डिंग एंड कंस्ट्रक्शन वर्कर वेलफेयर फंड के तहत 31 हज़ार करोड़ का फंड उपलब्ध है. राज्य सरकारों को निर्देश दिए गए हैं कि इस फंड का इस्तेमाल उन गरीबों के कल्याण के लिए किया जाए. इसका फायदा 3.5 करोड मजदूरों को मिलेगा.
  • डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड राज्य की सरकारों के पास उपलब्ध होता है. इसका इस्तेमाल राज्य की सरकारें स्वास्थ्य की जांच और दूसरी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए करें.
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