कोरोना वायरस: लॉकडाउन के दौर में जब बिहार में हुई ऑनलाइन शादी
- नीरज प्रियदर्शी
- पटना से, बीबीसी हिंदी के लिए
कोरोना वायरस से दुनिया भर में फैली महामारी ने लोगों के जीवनयापन के तरीक़े को बदल दिया है.
भारत समेत दुनिया के कई देशों में इस वक़्त लॉकडाउन चल रहा है. अरबों लोग अपने घरों में रहने को मजबूर हैं.
बिना किसी इमरजेंसी के घर से बाहर निकलने पर प्रतिबंध लगा हुआ है. किसी भी कारण से भीड़ लगाने और आयोजन करने की सख़्त मनाही है.
ऐसे में सवाल है कि शादियां कैसे हों? क्योंकि आमतौर पर शादियों के लिए आयोजन करने और अपने सगे-संबंधियों को बुलाने का प्रचलन है.
हाल ही में शादी की एक चर्चित ख़बर सिंगापुर से आयी थी जिसमें दंपति ने वीडिओ कॉल के ज़रिए शादी की. क्योंकि वे कुछ दिनों पहले ही चीन के वुहान से लौटे थे और इसलिए मेहमान उनके साथ शादी समारोह में शरीक होना नहीं चाहते थे.
लेकिन इससे भी अनोखी शादी बिहार में हुई है. जिसमें पटना के फ़ुलवारी शरीफ़ में दुल्हन बनीं सदब नसरीन ने उत्तर प्रदेश के साहिबाबाद में दूल्हे बने बैठे दानिश रज़ा के साथ ऑनलाइन शादी की.
सदब के पिता सलाउद्दीन ने बीबीसी को बताया, "शादी की तारीख़ 24 मार्च तय थी. कोरोना वायरस के कारण सब जगह लॉकडाउन चल रहा है, ऐसे में बारात आ नहीं सकती थी और आयोजन करके शादी कराना संभव नहीं था. क्योंकि ऐसे में भीड़ जुटने का ख़तरा था. इसलिए हमनें तय किया कि ऑनलाइन ही सारी प्रक्रिया पूरी कर ली जाए."
शादी भी रोकी गई
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सलाउद्दीन के अनुसार ऑनलाइन शादी कराने के लिए बस उन्हें बाहर से मौलवी को घर लेकर आना पड़ा. उनके अलावा सभी घर के सदस्य ही मौजूद थे.
वो कहते हैं, "बस सामने एक स्क्रीन रख दिया गया. उसमें दूल्हा दिख रहा था और इधर दुल्हन बैठी थी. मौलाना ने वीडिओ कॉन्फ्रेंसिंग करके निकाह करा दिया. बस हो गई शादी संपन्न. अब जब लॉकडाउन ख़त्म होगा तब दुल्हन जाएगी दूल्हे के पास."
पटना के मौलाना अज़हर इमाम ऐसी शादियों को लेकर यह कहते हैं कि भारत में यह मुसलमानों में शादियों का सीज़न है इसलिए ऐसी शादियां आगे और भी होंगी क्योंकि पूरे भारत में अगले 21 दिनों तक लॉकडाउन की घोषणा है.
बिहार में एक और ऐसी ही शादी की ख़बर है जो कैमूर जिले में 25 मार्च को हुई. इसमें भी बारात को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (इलाहाबाद) से आना था. लेकिन लॉकडाउन के कारण परिजनों ने फैसला किया कि निकाह की सारी रस्में ऑनलाइन वीडिओ कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही संपन्न होंगी.
यहां शादियों की कुछ खबरें ऐसी भी आयी हैं जिनकी शिकायत पुलिस को की जा चुकी है. क्योंकि लोगों को कोरोना वायरस के कारण एक जगह भीड़ जुटाने से डर लग रहा है और यह सरकार का आदेश भी है.
22 मार्च को पटना के एक मैरेज हॉल में हो रहे निकाह की रस्म को पुलिस ने गुप्त सूचना मिलने पर जाकर रुकवा दिया. भीड़ हटाई गई. पुलिस की मौजूदगी में हॉल से सभी लोगों को निकालकर निकाह कराया गया.
'शादी करने पर होगी कार्रवाई'
फुलवारी शरीफ में हुई ऑनलाइन शादी में भी पुलिस की भूमिका थी. क्योंकि पुलिस ने उस शादी के आयोजन की भी अनुमति नहीं दी थी.
फुलवारी शरीफ के थाना प्रभारी ने बीबीसी से कहा, "कोरोना वायरस के ख़तरे को देखते हुए जिन लोगों की शादियों की तारीख़ पहले से तय है, उन्हें या तो तारीख कैंसिल कर देनी चाहिए या फिर सलाउद्दीन के परिवार से सीख लेकर घर बैठे ऑनलाइन निकाह कर लेनी चाहिए. यदि कोई शादी रचाकर भीड़ जुटाने का काम करेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी."
फिलहाल तो मुसलमानों की शादियों का सीज़न चल रहा है, जिसमें निकाह की रस्म ऑनलाइन संभव है, लेकिन देखना दिलचस्प होगा कि जब 15 अप्रैल के बाद से हिंदुओं की शादी का सीज़न शुरू होगा तब शादियां कैसे होंगी! क्योंकि रस्मों में फ़र्क है.
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