दिल्ली पुलिस ने 101 दिन बाद दिल्ली का शाहीन बाग इलाका खाली करवा लिया था.
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नई दिल्ली: शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को लेटर भेजकर शाहीन बाग में धरना खत्म करवाए जाने की निष्पक्ष जांच की मांग की है. इस लेटर में कहा गया है कि शाहीन बाग में धरनास्थल से उनको हटाने में पुलिस के साथ कुछ और लोग भी शामिल थे जो पुलिस टीम का हिस्सा नहीं थे. इसके अलावा लेटर में ये भी कहा गया है कि जब तक कोर्ट में केस चले तब तक प्रदर्शनकारियों को सुरक्षा दी जाए.
बता दें कि 24 मार्च को शाहीनबाग से एक प्रदर्शकारी को कोरोना वायरस का पॉजिटिव पाए जाने की खबर सामने आई थी, जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने 101 दिन बाद दिल्ली का शाहीन बाग इलाका खाली करवा लिया था और वहां चल रहा नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन भी खत्म कर दिया था. धरना स्थल खाली करवाने के समय प्रदर्शनकारियों ने हटने से इनकार किया था जिसके बाद कुल 9 लोगों को हिरासत में ले लिया गया है जिनमें 6 महिलाएं और 3 पुरुष थीं.
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दरअसल दिल्ली में शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी कोरोना वायरस के खतरे के बाद भी धरना खत्म करने को तैयार नहीं थे. वैसे धरना खत्म करवाने के लिए 101 दिनों में केंद्र सरकार, सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली पुलिस ने कई बार कोशिश की. एक तरफ सुप्रीम कोर्ट ने जहां मध्यस्थों को शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से बातचीत के लिए नियुक्त किया था, वहीं दूसरी तरफ गृहमंत्रालय की तरफ से भी बातचीत की पेशकश की गई थी लेकिन धरना स्थल से प्रदर्शकारी हटने का नाम नहीं ले रहे थे. दिल्ली पुलिस ने भी कई बार प्रदर्शकारियों से धरना खत्म करने की अपील की थी.
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बता दें कि कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलने को देखते हुए शाहीन बाग के धरने को खाली करवाया गया, जिससे कि कोरोना का कोई भी खतरा ना पैदा हो क्योंकि प्रदर्शन के समय लोगों के एक साथ बैठने से बड़ा खतरा पनप सकता था.
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