कोरोना वायरस से निपटने के लिए सरकार स्वास्थ्य से जुड़े उपायों के अलावा रणनीतिक और कमर्शियल फैसले भी ले रही है. स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि राज्यों को कहा गया है कि कोरोना संक्रमण के दौर में वे ई-कॉमर्स को बढ़ावा दें ताकि सामानों की होम डिलीवरी हो सके और लोगों को घर से बाहर न निकलना पड़े. इससे कोरोना के संक्रमण को रोकने में मदद मिल सकेगी.
जन संपर्क कम करने के लिए ई-कॉमर्स को बढ़ावा
ई-कॉमर्स को बढ़ावा देने के लिए आज गृह सचिव ने राज्यों के सचिवों के साथ बैठक की. रिपोर्ट के मुताबिक ई-कॉमर्स कंपनियों को कहा गया है कि उनकी समस्याएं जल्द से जल्द दूर कर दी जाएंगी. सरकार का कहना है कि किसी भी कीमत पर कम से कम लोगों के बीच संपर्क होना चाहिए.
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इस मुद्दे पर मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन की अध्यक्षता में ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की बैठक हुई. जीओएम की बैठक में राज्यों से कहा गया कि वे ई-कॉमर्स को बढ़ावा देने के लिए जल्द कदम उठाएं. केंद्र ने राज्यों और जिला प्रशासन से कहा है कि आवश्यक वस्तुएं, खाने-पीने की चीजें और दवा की दुकानें काम करती रहेंगी.
12000 टेस्ट रोजाना करने की सरकारी क्षमता
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि केंद्र सरकार के 118 लैब अब 12000 टेस्ट रोजाना करने को तैयार हैं. लव अग्रवाल ने कहा कि अब 29 निजी लैब अपने 16000 कलेक्शन सेंटर के साथ काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ये सैंपल कलेक्शन आईसीएमआर के गाइडलाइन के मुताबिक किया जा रहा है.
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हाइड्रो क्लोरोक्वीन का न करें इस्तेमाल
लव अग्रवाल ने कहा कि लोग हाइड्रो क्लोरोक्वीन नाम की दवा का इस्तेमाल कर रहे हैं. लेकिन इस दवा का साइड इफेक्ट है, हमनें किसी को भी ये दवा नहीं लेने को कहा है. बता दें कि ये दवा सिर्फ उनके लिए है जो चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े हैं. उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी हालत में इस दवा को न लें.