तोते भी इस्तेमाल करते हैं आंकड़े और सांख्यिकी
४ मार्च २०२०न्यूजीलैंड के रिसर्चरों ने इसका पता लगाने में कामयाबी पाई है. जंगली जीवों के विशेषज्ञों ने छह केया प्रजाति के तोते को इसके लिए प्रशिक्षित किया. न्यूजीलैंड के वासी इस बड़े आकार वाले तोते की प्रजाति अपनी बुद्धिमता से रिसर्चर का दिल पहले ही जीत चुके हैं. उनकी सांख्यिकी की समझ को समझने के लिए खासतौर से तैयार गेम की मदद से परखी गई.
ब्लोफेल्ड, ब्रुस, लोकी, नियो, प्लैंकटन और ताज नाम के छह परिंदों के सामने दो तरह के टोकन रखे गए. काले टोकन उठाने पर उन्हें इनाम में खाना मिलता था जबकि नारंगी रंग वाले टोकन उठाने पर उन्हें कुछ नहीं मिलता था. शुरुआती परीक्षणों में तोते जब भी अपनी चोंच में काले टोकन उठा कर लाते तो उन्हें उनकी पसंदीदा खाने की चीज मिलती.
उसके बाद रिसर्चरों ने इन टोकनों को अलग अलग जारों में रख दिया. हर जार में काले और नारंगी रंग के टोकन अलग अनुपात में रखे गए. रिसर्चर हर जार में से एक टोकन उठाते और फिर उसे अपनी मुट्ठी बंद कर छिपा लेते. इसके बाद उन्हें चिड़ियों के सामने रखा जाता.
रिसर्चरों ने देखा कि परिंदो ने उन जारों से टोकन लेना ज्यादा पसंद किया जिनमें नारंगी की बजाय काले टोकन ज्यादा थे. इससे साफ हो गया कि वो प्रतिशत के खेल को समझ रहे थे. इसके अलावा एक और बात नजर आई कि जिन रिसर्चरों ने ज्यादा काले टोकन उठा कर अपना झुकाव किसी खास रंग के प्रति दिखाया था वो चिड़ियों को भी पसंद आए और उन्होंने बाकियों की अनदेखी की. यूनिवर्सिटी ऑफ ऑकलैंड के स्कूल ऑफ साइकोलॉजी में रिसर्च असिस्टेंट अमालिया बास्तोस का कहना है, "हम हमेशा से जानते थे कि वो काफी समझदार हैं, तो हमें कोई हैरानी नहीं हुई जब हमने देखा कि वो संभाव्यता को समझ सकते हैं. हैरानी तो इस बात की है कि वो सामाजिक या भौतिक जानकारियों को अपनी संभाव्यता के निर्णयों के साथ जोड़ सकते हैं."
बास्तोस और उनकी रिसर्च टीम को अभी पक्के तौर पर यह नहीं पता कि संभाव्यता को पहचानने की क्षमता से इन परिंदों की उत्पत्ति में क्या फायदा मिला. हालांकि लंबे समये से यह माना जाता रहा है कि इस तरह की क्षमता केवल इंसानों और बुद्धिमान प्राइमेट के पास ही रही है और उनके रिश्तेदारों के पास चिड़ियों जैसा दिमाग तो नहीं ही था. बास्तोस का कहना है,"मैं जितने परिंदों से मिली हूं उनमें केया का व्यक्तित्व सबसे मजबूत है. इनके साथ काम करने के दौरान हमने देखा कि इनमें से हरेक के पास अपनी अलग पसंद और अनोखा स्वभाव है. एक से ज्यादा मौकों पर इन्होंने खुद को मुझसे ज्यादा होशियार साबित किया है."
एनआर/ओएसजे(एएफपी)
__________________________
हमसे जुड़ें: Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay | AppStore