नागरिकता संशोधन कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच हिंसा भड़के के बाद दिल्ली में कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है।बीते मंगलवार की शाम से लापता आईबी कर्मचारी अंकित गुप्ता का शव, बुधवार को चांदबाग में एक नाले के पास मिला।अंकित गुप्ता की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी।

अंकित के भाई का कहना है कि उनके साथ तीन और लोगों मारा गया है एक की लाश मिलनी बाकी है। अंकित के भाई ने एक टीवी चैनल से बातचीत के दौरान कहा कि, ”एनआरसी और सीएए का जो लोग इतना बुरा विरोध कर रहे हैं, लोगों को मार रहे हैं ,लोगों की संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं। ये लोग बहुत गलत कर रहे हैं। इसमें कितने घर बर्बाद हो रहे हैं। इसमें एक घर हमारा भी है , मेरा भाई मर गया। हमारा घर बर्बाद हो गया।”

अंकित के भाई ने बताया कि अंकित घर के बाहर खड़े थे, वह ड्यूटी से आए थे। इस दौरान लोगों की भीड़ उन्हें खींचकर ले गई। उसने बताया कि यहां से चार लड़कों के ले गए थे। तीन की बॉडी मिल गई है। एक की लाश मिलना बाकी है।

अंकित के घर मातम पसरा हुआ है मां और बहन का रो-रोकर बुरा हाल है। जब अंकित का शव नाले से निकाला गया तो उनके पिता पास में ही खड़े थे। उन्होंने इस दौरान कहा मेरा बेटा इसी में होगा। जैसे ही शव निकाला गया अंकित के पिता का भयानक डर हकीकत में तब्दील हो गया। उनके पिता निशब्द हो गए और रोने लगे।

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अंकित की मां होश में आती हैं लेकिन रोते-रोते फिर से बेसुध हो जाती हैं। बुधार को अंकित की मां को बेहोश होने पर वहां खड़े लोग गुस्से में नारा लगा रहे थे ”देश के गद्दारों को, गोली मारो सालों को”। इस पर अंकित के पिता कहते हैं कि सब पॉलिटिकल बना दिया है। अंकित का परिवार मंगलवार से ही परेशान था जब अंकित मंगलवार की रात घर नहीं लौटे थे।

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बता दें कि दिल्ली हिंसा में मरने वालों की संख्या गुरुवार को 34 हो गई  जबकि कम से कम 250 लोग घायल हैं। पूर्वोत्तर दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में रविवार को हिंसा भड़कने के बाद से 50 से अधिक मरीजों को एलएनजेपी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।