तीन दिन तक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हुई भयानक हिंसा अब धीरे-धीरे थमती गई है। हिंसा के बाद अब उत्तर-पूर्वी दिल्ली में कई जगहों पर भयानक मंजर ही नजर आ रहा है। सामने आ रही हैं हिंसा से पीड़ितों की दर्दनाक कहानियां। एक ऐसे ही हिंसा पीड़ित परिवार की बेटी पिछले 3 दिनों से लापता है। 13 साल की यह मासूम अपने परिवार के साथ सोनिया विहार में रहती है। सोमवार की सुबह यह बच्ची खजूरी खास इलाके में परीक्षा देने गई थी लेकिन तब से लेकर अब तक उसका कुछ भी पता नहीं चल सका है।

बेटी के लिए बदहवास पिता ने न्यूज एजेंसी ‘पीटीआई’ से बातचीत करते हुए कहा कि ‘घर से परीक्षा केंद्र करीब साढ़े चार किलोमीटर दूर था। इस दिन बच्ची सुबह परीक्षा देने गई थी। शाम को करीब 5.20 बजे मुझे उसे परीक्षा केंद्र से वापस घर लाना था और यहीं सोचकर मैं अपने घर से निकला। लेकिन घर से थोड़ी ही दूर जाने के बाद भीड़ ने मुझे घेर लिया। तब से लेकर अब तक मेरी बेटी लापता है उसका कुछ भी पता नहीं चल सका है।’

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इस मामले में लड़की के परिवार वालों ने गुमशुदगी की प्राथमिकी भी दर्ज कराई है। पुलिस का कहना है कि लड़की की तलाश की जा रही है। लड़की के पिता रेडीमेड कपड़ों का कारोबार करते हैं। बेटी के गायब होने से परिवार वाले सदमे में हैं और उन्हें अब भी उम्मीद है कि उनकी बेटी एक दिन जरुर वापस लौटेगी।

इस हिंसा ने करीब तीन दर्जन जानें ले ली हैं। हिंसा की तस्वीरें विचलित करने वाली हैं और इन तस्वीरों की कहानियां दिल-ओ-दिमाग को झकझोर देने वाली। खजूरी-खास इलाके में भीड़ ने 85 साल की एक बुजुर्ग महिला को जिंदा जला दिया तो वहीं 19 साल के विवेक चौधरी के सिर में खूनी भीड़ ने ड्रिल मशीन से छेद कर दिया।

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इस हिंसा में कई लोग गोली लगने से मारे गए हैं। दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल की भी जान इस हिंसा ने ली तो इंटेलिजेंस के एक कर्मचारी भी इस हिंसा की बलि चढ़ गए।

घर औऱ दुकानें जलाने का सिलसिला भी तीन दिनों तक जारी रहा।

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