कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद पर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने गुरुवार को बड़ा हमला बोला. सुरजेवाला ने कहा, रविशंकर प्रसाद इस देश के सबसे बड़े लॉलेस लॉ मंत्री (Lawless मंत्री) हैं. वे अपने काम दुर्भावना से करते हैं क्योंकि उनके आका उन्हें ऐसा करने के लिए मजबूर करते हैं. सुरजेवाला ने कहा, रविशंकर प्रसाद इस देश के इतिहास में ऐसे कानून मंत्री बन जाएंगे जिन्होंने सबसे ज्यादा कानून और संविधान की धज्जियां उड़ाईं.
बता दें, दिल्ली हिंसा की सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस को फटकार लगाने वाले जस्टिस एस मुरलीधर का तबादला दिल्ली हाईकोर्ट से पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में कर दिया गया है. बुधवार को उन्होंने इस मामले की सुनवाई गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी थी. बाद में इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ को सौंप दी गई थी. जज के इस ट्रांसफर को कांग्रेस ने साजिश बताया है और सीधा केंद्र सरकार पर हमला बोला.
ये भी पढ़ें: जज मुरलीधर के तबादले पर तकरार, रविशंकर बोले- कोलेजियम की सिफारिश पर हुआ ट्रांसफर
सरकार पर हमला बोलते हुए सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री और अमित शाह से तीन सवालों के जवाब देने को कहा. सुरेजावाला ने पूछा कि क्या आपको यह डर था कि यदि आपकी पार्टी के नेताओं की स्वतंत्र व निष्पक्ष जांच की जाएगी, तो दिल्ली की हिंसा, आतंक और अफरा-तफरी में आपकी खुद की मिलीभगत का पर्दाफाश हो जाएगा? कांग्रेस प्रवक्ता ने पूछा, निष्पक्ष व प्रभावशाली न्याय सुनिश्चित किए जाने से रोकने के लिए आप कितने जजों का ट्रांसफर करेंगे? सुरजेवाला ने आगे कहा, क्या आपके पास अपनी ही पार्टी के नेताओं द्वारा दिए गए विषैले बयानों को उचित ठहराने का कोई रास्ता नहीं था, इसलिए आपने उस जज का ही ट्रांसफर कर दिया, जिसने पुलिस को आपकी पार्टी के नेताओं की जांच करने का आदेश दिया था?
जज ट्रांसफर मामले में सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हए सुरजेवाला ने कहा, बीजेपी सरकार की न्यायपालिका पर अनर्थक दबाव बनाने और बदला लेने का यह पहला मामला नहीं है. याद रहे कि गुजरात दंगों में नरेंद्र मोदी और अमित शाह के खिलाफ वकील रहे सुप्रीम कोर्ट के प्रसिद्ध सीनियर एडवोकेट गोपाल सुब्रमण्यम की नियुक्ति को मोदी सरकार ने जबरन रोक दिया और सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के आदेशों की परवाह नहीं की. इसी प्रकार से उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार को नाजायज तौर पर बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाने के निर्णय को सिरे से खारिज करने वाले न्यायाधीश, जस्टिस केएम जोसेफ की नियुक्ति को मोदी सरकार की ओर से रोक कर रखा गया. सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम द्वारा बार बार जस्टिफ जोसेफ की सुप्रीम कोर्ट जज के तौर पर नियुक्ति के निर्णय को दोहराने के कई महीनों बाद ही मोदी सरकार ने नियुक्ति को क्लियर किया.
ये भी पढ़ें: दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस का तबादला, राहुल गांधी को याद आए जज लोया