लखनऊ
अपने बयानों को लेकर चर्चा में बने रहने वाले शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने दिल्ली में हुई हिंसा के लिए ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता वारिस पठान को जिम्मेदार ठहराया है। रिजवी ने कहा कि वारिस पठान के '100 करोड़ पर 15 करोड़ भारी' बयान के कारण ही लोग उग्र हो गए हैं। उन्होंने शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध पर तंज किया और कहा कि ये हिंसा शाहीन बाग में बैठीं दादियों और नानियों की जिहालत का नतीजा है।बुधवार को एक बयान में वसीम रिजवी ने कहा, ‘सभी से हाथ जोड़कर अपील है कि लोग कांग्रेसी जहर का प्याला न पिएं। कांग्रेस के जाल में फंसकर हुकूमत के खिलाफ माहौल मत बनाओ। हुकूमत, देश और सीएए कानून हमारा है। आपस में लड़कर मरने वाले को कोई शहीद नहीं कहता। दिल्ली में हुई हिंसा के लिए वारिस पठान जिम्मेदार हैं।’
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'हिंदुओं का हक छीनने की जिद शाहीन बाग का धरना'
आपको बता दें कि वसीम रिजवी अपने बयानों को लेकर लगातार चर्चाओं में बने रहते हैं। वह सीएए के खिलाफ हो रहे विरोध-प्रदर्शनों पर लगातार सख्त बयानबाजी करते रहे हैं। उन्होंने हाल ही में एक बयान में कहा था कि अगर ऐसे ही हालात रहे तो इस्लामिक दाढ़ी और बगैर मूंछ के डरावने चेहरे हिंदुस्तान की गंगा-जमुनी तहजीब को तार-तार कर देंगे। उन्होंने कहा कि शाहीनबाग जैसे हजारों धरने हो जाएं, लेकिन नागरिकता संशोधन कानून पर कोई समझौता नहीं होना चाहिए। रिजवी ने इससे पहले कहा था कि शाहीन बाग का धरना हक मांगने की लड़ाई नहीं है, बल्कि हिंदुओं का हक छीनने की जिद है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पहले कसाब (अजमल आमिर कसाब) भेजता था, लेकिन अब ओवैसी वायरस से हिंदुस्तान में कसाब तैयार किए जा रहे हैं।
ये बयान दिया था पठान ने
कर्नाटक के कलबुर्गी में गत 16 फरवरी को सीएए विरोधी रैली को संबोधित करते हुए एआईएमआईएम के नेता वारिस पठान ने कहा था, 'हमें एक साथ मिलकर आगे बढ़ना होगा। हमें आजादी लेनी होगी, जो चीजें मांगकर नहीं मिलती उसे छीनना पड़ता है, याद रखिए...हम 15 करोड़ हो सकते है लेकिन 100 करोड़ पर भारी हैं।'
अपने बयानों को लेकर चर्चा में बने रहने वाले शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने दिल्ली में हुई हिंसा के लिए ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता वारिस पठान को जिम्मेदार ठहराया है। रिजवी ने कहा कि वारिस पठान के '100 करोड़ पर 15 करोड़ भारी' बयान के कारण ही लोग उग्र हो गए हैं। उन्होंने शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध पर तंज किया और कहा कि ये हिंसा शाहीन बाग में बैठीं दादियों और नानियों की जिहालत का नतीजा है।बुधवार को एक बयान में वसीम रिजवी ने कहा, ‘सभी से हाथ जोड़कर अपील है कि लोग कांग्रेसी जहर का प्याला न पिएं। कांग्रेस के जाल में फंसकर हुकूमत के खिलाफ माहौल मत बनाओ। हुकूमत, देश और सीएए कानून हमारा है। आपस में लड़कर मरने वाले को कोई शहीद नहीं कहता। दिल्ली में हुई हिंसा के लिए वारिस पठान जिम्मेदार हैं।’
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'हिंदुओं का हक छीनने की जिद शाहीन बाग का धरना'
आपको बता दें कि वसीम रिजवी अपने बयानों को लेकर लगातार चर्चाओं में बने रहते हैं। वह सीएए के खिलाफ हो रहे विरोध-प्रदर्शनों पर लगातार सख्त बयानबाजी करते रहे हैं। उन्होंने हाल ही में एक बयान में कहा था कि अगर ऐसे ही हालात रहे तो इस्लामिक दाढ़ी और बगैर मूंछ के डरावने चेहरे हिंदुस्तान की गंगा-जमुनी तहजीब को तार-तार कर देंगे। उन्होंने कहा कि शाहीनबाग जैसे हजारों धरने हो जाएं, लेकिन नागरिकता संशोधन कानून पर कोई समझौता नहीं होना चाहिए। रिजवी ने इससे पहले कहा था कि शाहीन बाग का धरना हक मांगने की लड़ाई नहीं है, बल्कि हिंदुओं का हक छीनने की जिद है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पहले कसाब (अजमल आमिर कसाब) भेजता था, लेकिन अब ओवैसी वायरस से हिंदुस्तान में कसाब तैयार किए जा रहे हैं।
ये बयान दिया था पठान ने
कर्नाटक के कलबुर्गी में गत 16 फरवरी को सीएए विरोधी रैली को संबोधित करते हुए एआईएमआईएम के नेता वारिस पठान ने कहा था, 'हमें एक साथ मिलकर आगे बढ़ना होगा। हमें आजादी लेनी होगी, जो चीजें मांगकर नहीं मिलती उसे छीनना पड़ता है, याद रखिए...हम 15 करोड़ हो सकते है लेकिन 100 करोड़ पर भारी हैं।'