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Coronavirus: वुहान में भारत के विमान भेजने को मंजूरी देने में देरी कर रहा है चीन

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: आसिम खान Updated Sat, 22 Feb 2020 04:46 PM IST
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Coronavirus: China permission to Indian Air Force C 17 Globemaster in Wuhan
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी - फोटो : पीटीआई

कोरोनावायरस से प्रभावित लोगों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। चीन में मरने वालों की संख्या करीब 2300 पहुंच चुकी है। वहीं रोजाना दूसरे देशों में भी इसके मामले लगातार सामने आ रहे हैं।इटली में मौत का पहला मामला सामने आया है। वहीं वुहान जाने वाला भारतीय विमान अबतक रवाना नहीं हो सका है। इसे लेकर चीन ने सफाई दी है कि उसकी तरफ से देरी नहीं हो रही है। 



अबतक का अपडेट जानिए-

भारतीय वायुसेना का सी-17 ग्लोबमास्टर विमान दवाइयां लेकर कोरोनावायरस से प्रभावित चीन के वुहान प्रांत जाने के लिए तैयार है। लेकिन अभी तक चीन की तरफ से इस विमान को मंजूरी नहीं दी गई है। सूत्रों ने बताया है कि चीन जानबूझकर भारतीय विमान को मंजूरी नहीं दे रहा है। दवाइयां लेकर जाने वाला वायुसेना का विमान वापसी में वुहान में फंसे भारतीयों को लेकर आएगा।


आधिकारिक स्रोत ने जानकारी दी है कि वुहान में फंसे भारतीय मानसिक तनाव और चिंता से जूझ रहे हैं। वहां फंसे भारतीयों में इस बात की अनिश्चितता है कि वह भारत जा भी पाएंगे या नहीं। 


आरोपों पर चीन ने दी सफाई

भारत में चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने विमान को जानबूझकर इजाजत नहीं दिए जाने की खबरों पर सफाई देते हुए कहा है कि हम हमेशा चीन में भारतीयों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को बहुत महत्व देते हैं और भारतीय नागरिकों की वापसी के लिए सहायता प्रदान करते हैं।

उन्होंने कहा कि हुबेई में अभी स्थिति जटिल है और रोकथाम और नियंत्रण ने महत्वपूर्ण चरण में प्रवेश किया है। दो देशों के विभाग इस संबंध में संचार कर रहे हैं। चीन द्वारा उड़ान की अनुमति देने में जानबूझकर देरी करने जैसी कोई बात नहीं है।
 


भारत के विमान को मंजूरी देने में देरी कर रहा है चीन

भारत को कोरोनावायरस से सबसे अधिक प्रभावित चीनी शहर वुहान में 20 फरवरी को सी-17 सैन्य विमान भेजना था, लेकिन उड़ान के लिए अनुमति न मिलने के कारण विमान उड़ान नहीं भर सका। उच्च स्तरीय सूत्र ने कहा कि चीन नागरिकों को वापस निकालने के विमान के लिए मंजूरी देने में जानबूझकर विलंब कर रहा है।

विमान को चीन में चिकित्सा आपूर्ति का बड़ा जखीरा लेकर जाना था और वुहान से भारतीयों को वापस लाना था। सूत्रों ने बताया कि चीन लगातार कह रहा है कि विमान को मंजूरी देने में कोई देरी नहीं हुई लेकिन उसने बिना स्पष्ट कारण बताए मंजूरी नहीं दी है।



इस महीने की शुरुआत में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को लिखे पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारत कोरोनावायरस की चुनौती से निपटने में चीन के लोगों और सरकार के प्रति एकजुट है और देश को सहायता मुहैया कराने की पेशकश दी। मामले से जुड़े एक सूत्र ने कहा कि मुसीबत की घड़ी में दूसरों की मदद करने के हमारे लोकाचार को देखते हुए राहत सामग्री की पेशकश की गई जबकि भारत में खुद इनकी भारी कमी है।

जिन सामान की आपूर्ति की जानी है उनमें दस्ताने, सर्जिकल मास्क, फीडिंग पम्प और डिफिब्रिलेटर्स हैं जिनकी आवश्यकता चीन ने जताई थी। एक अनुमान के मुताबिक, वुहान में अभी 100 से अधिक भारतीय रह रहे हैं। कई देशों ने चीन से अपने नागरिकों को निकाल लिया है और वहां कोरोनावायरस के मद्देनजर लोगों और सामान की आवाजाही पर रोक लगा दी है।

भारत से सहायता नहीं लेना चाहता चीन?

इस मामले के जानकार सूत्र ने कहा कि क्या वे भारत की ओर से मुहैया कराए जा रहे सहायता लेने के इच्छुक नहीं हैं? वे वुहान से हमारे नागरिकों को वहां से निकालने में रोड़ा क्यों अटका रहे हैं।

मदद की बात याद दिलाएगा भारत

सूत्रों ने कहा कि भारत चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई मदद की पेशकश को याद दिला सकता है। चीन को याद दिलाया जा सकता है कि किस तरह भारत सरकार ने चीन को हर संभव सहायता प्रदान करने की पेशकश की थी।

चीन ने आरोपों से किया इनकार

दवाइयां लेकर आने वाले विमान को इजाजत देने में किसी तरह की देरी के आरोपों से चीन ने इनकार किया है। चीन ने शुक्रवार को कहा कि दोनों देशों के अधिकारी इस विमान की यात्रा को अंतिम रूप देने में विचार विमर्श कर रहे हैं।

भारत ने गत 17 फरवरी को एलान किया था कि वायुसेना का सबसे बड़ा सी-17 ग्लोबमास्टर विमान मेडिसिन लेकर चीन जाएगा और यह वापसी में न केवल भारतीय बल्कि वहां फंसे पड़ोसी देशों के नागरिकों को भी लेकर आएगा। लेकिन इस विमान को उड़ान भरने को लेकर चीन ने अभी तक हरी झंडी नहीं दिखाई है। 

अब तक 2,345 की मौत, 76,288 संक्रमित

चीन में कोरोनावायरस प्रकोप के चलते 109 और मौतों के साथ इससे मरने वालों की संख्या 2,345 पर पहुंच गई है जबकि 76,288 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि कोविड-19 बीमारी के प्रकोप की जांच के फिलहाल देश में मौजूद विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के विशेषज्ञ सर्वाधिक प्रभावित वुहान शहर का शनिवार को दौरा कर सकते हैं।

चीन के एक स्वास्थ्य अधिकारी ने शनिवार को बताया कि शुक्रवार को कुल 397 लोगों में कोविड-19 की पुष्टि हुई है जबकि 31 प्रांतीय स्तर के क्षेत्रों से 109 लोगों की मौत होने की खबर मिली है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (एनएचसी) की नियमित रिपोर्ट में शनिवार को कहा गया है कि शुक्रवार के अंत तक बीमारी से कुल 2,345 लोगों की मौत हो गई और देश भर के 76,288 लोगों में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है।
 

रिपोर्ट के अनुसार इनमें से 106 मौत वायरस के केंद्र हुबेई प्रांत में वहीं एक-एक मौत हेबई, शंघाई और शिनजियांग प्रांत में हुई है। प्रांतीय स्वास्थ्य आयोग ने बताया कि हुबेई प्रांत में शुक्रवार तक 106 मौतों के साथ ही 366 और लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है।

एनएचसी ने कहा पूरे चीन में वायरस से संक्रमित 20,659 मरीजों की हालत में सुधार आने के बाद शुक्रवार को उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक तेदरोस अदहानोम ग्रेबेयसेस ने शुक्रवार की जिनेवा में मीडिया से कहा कि कोरोनावायरस प्रकोप की जांच के लिए वर्तमान में चीन में मौजूद अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की डब्ल्यूएचओ नीत टीम शनिवार को वुहान जाएगी।
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