Gursharan Preet Kaur Struggle Story: 36 साल की गुरशरण प्रीत कौर ने शुक्रवार यानी 21 फरवरी 2020 को एशियाई रेसलिंग चैम्पियनशिप में गैर ओलंपिक 72 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक जीतकर देश का मान बढ़ाया। हालांकि, गुरशरण की सफलता की कहानी आंखों को नम कर देने वाली है। गुरशरण कौर ने पिछले साल ही पानीपत में हुए एक दंगल से रेसलिंग मैट पर वापसी की है। वहां उन्होंने नेशनल चैंपियन किरण को महिला 72 किलोग्राम भार वर्ग के फाइनल में हराकर स्वर्ण पदक जीता था। उन्हें पुरस्कार स्वरूप 10 लाख रुपए की राशि मिली थी। टूर्नामेंट में उनका हर बाउट एकतरफा था। उन्होंने अपनी सभी बाउट तकनीकी श्रेष्ठता की मदद से जीती थीं।

उस दंगल से पहले गुरशरण ने आखिरी बार 2012 में एक इंटर-पुलिस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था। कुश्ती से दूर रहना कौर के लिए आसान नहीं था। राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी ने उन्हें 2013 में विफल डोप परीक्षण के बाद नौ महीने के लिए प्रतिबंधित कर दिया था। बाद में उन्होंने एक पंजाब पुलिस कांस्टेबल से शादी की। दुर्भाग्यवश कौर का पति एक ड्रग एडिक्ट था। उनकी शादी के दो साल बाद, पति संदीप सिंह ने कौर को तलाक दे दिया और उन्हें घर से निकाल दिया।

कौर ने बताया था, ‘वह मुझे पीटता था। खासकर तब जब मैं लड़कों के साथ ट्रेनिंग करती थी। वे लोग मुझे खाना नहीं देते थे मैं एक जिंदा लाश की तरह हो गई थी। मेरे ससुराल वाले मुझसे एक लड़का चाहते थे। जब हमारी बेटी का जन्म हुआ, तो उन्होंने मुझे फिर से पीटा और घर से निकाल दिया। मेरे पति ने उनके और मेरी बेटी के बीच चुनने को कहा मैंने अपनी बेटी को चुना।’

इसके बाद कौर अपनी माँ के साथ तरनतारन जिले के मोहनपुर गांव में रहने लगीं। बाद में वे अपनी पुलिस ड्यूटी के लिए जालंधर शिफ्ट हों गईं। इस बीच जिंदगी ने एक और दुखद मोड़ लिया। 2014 में उनके पति ने तलाक अमृतसर में फाइल किया। कौर ने बताया, ‘जब भी सुनवाई होती, मुझे अमृतसर जाना पड़ता। इसके लिए मैंने अपनी बेटी को अपनी मां के पास छोड़ दिया, क्योंकि मैं हर जगह उसके साथ यात्रा नहीं कर सकती।’ कौर की बेटी अब 6 साल की हो चुकी है।

बेटी के पालन पोषण के साथ कोर्ट कचहरी के मुकदमे के लिए पैसे नहीं बचते थे। पैसों की कमी के चलते कौर ने फिर से कुश्ती करने का फैसला किया और मई 2018 में पंजाब पुलिस अकादमी, जालंधर में अपनी ट्रेनिंग शुरू की। कौर ने पिछले साल पानीपत में हुए दंगल को जीतने के बाद कहा था, ‘अगर इस प्रतियोगिता में कोई इनामी राशि नहीं भी होती तब भी में यहां आती। मैं कुश्ती करना चाहती हूं। मैं लम्बे समय से खेल से बाहर हूं।’