maharashtra
  • text

PRESENTS

sponser-logo

पुणे में पुरानी बसों को बनाया महिला टॉयलेट, फीडिंग रूम की भी है सुविधा

FOLLOW US
TEXT SIZE
SmallMediumLarge
SHARE
होम / न्यूज / महाराष्ट्र / पुणे में पुरानी बसों को बनाया महिला टॉयलेट, फीडिंग रूम की भी है सुविधा

पुणे में पुरानी बसों को बनाया महिला टॉयलेट, फीडिंग रूम की भी है सुविधा

पुणे में पुरानी बसों को महिला टॉयलेट का रूप दिया जा रहा है.
पुणे में पुरानी बसों को महिला टॉयलेट का रूप दिया जा रहा है.

पुणे (Pune) में दो आंत्रप्रेन्‍योर ने 2016 में शुरू किया था महिलाओं को स्‍वच्‍छ और सुरक्षित टॉयलेट (Women Toilet) सुविध ...अधिक पढ़ें

    नई दिल्‍ली. महिलाओं को घर से बाहर बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने के लिए पुणे (Pune) में अनोखा प्रयास किया गया है. यहां पु‍रानी बसों को महिला टॉयलेट (Women Toilet) के रूप में बदला जा रहा है. इनमें महिलाओं को टॉयलेट, वॉशरूम के साथ ही अन्‍य सुविधाएं भी मुहैया कराई जा रही हैं.

    पुणे में दो आंत्रप्रेन्‍योर की ओर से 2016 में शुरू किया गया यह प्रयास लोगों को खूब पसंद आ रहा है. उल्‍का सदालकर और राजीव खेर की ओर से शुरू किए गए प्रोजेक्‍ट के तहत अब तक 12 पुरानी बसों (Old Buses) को महिलाओं के लिए पिंक टॉयलेट (Pink Toilet) या पिंक बस के रूप में बदला जा चुका है. इन टॉयलेट्स को टीआई (ताई) टॉयलेट (Ti Toilet) नाम दिया गया है.

    महिला टॉयलेट में एक अटेंडेंट भी मौजूद रहती हैं. PIC- Youtube


    पुरानी बसों में महिलाओं के लिए बनाए गए इन टॉयलेट में महिलाएं महज पांच रुपये में सुविधा का लाभ उठाती हैं. इसमें महिलाओं को टॉयलेट, वॉशरूम के साथ ही बच्‍चों को दूध पिलाने के लिए फीडिंग रूम की भी सुविधा है. इसके साथ ही महिलाएं यहां से डायपर और सैनिटरी पैड भी खरीद सकती हैं. इन टॉयलेट्स में एक अटेंडेंट भी मौजूद रहती हैं.

    इन ताई टॉयलेट के ऊपर सोलर पैनल लगाए गए हैं, इनसे इनकी जरूरत की बिजली यहां उपलब्‍ध हो जाती है. अब तक ऐसी 12 पुरानी बसों को महिला टॉयलेट के रूप में बदला जा चुका है. इनमें रोजाना करीब 200 महिलाएं सुविधा का लाभ उठाती हैं.

    महिला टॉयलेट में महिलाओं के लिए अन्‍य सुविधाएं भी हैं. PIC- Youtube


    उल्‍का सदालकर का इस पर कहना है, 'हमारा मानना है कि महिलाओं को स्‍वच्‍छ और सुरक्षित वॉशरूम की सुविधा मिलनी चाहिए. यह उनका मौलिक अधिकार है.' बता दें कि उल्‍का सदालकर और राजीव खेर का अगले पांच साल में देश में ऐसे करीब 1000 महिला टॉयलेट खोलने का लक्ष्‍य है.

    ऐसे ही एक महिला टॉयलेट में काम करने वाली 40 साल की मनीषा आधव ने इस बारे में बात की. उन्‍होंने कहा महिलाओं के लिए इस तरह का काम करने करने के तहत मैं यहां करके काफी गर्व महसूस करती हूं. महिलाएं यहां आती हैं और मुझे आशीर्वाद देती हैं. क्‍योंकि वह दूरदराज इलाकों से आती हैं और यहां आवश्‍यकता के अनुसार पब्लिक टॉयलेट नहीं हैं.

    यह भी पढ़ें: क्रिकेट खेलने के लिए घर से 'भाग' गईं थीं पूनम यादव, अब वर्ल्ड कप में किया कमाल

    Tags: Maharashtra, Pune