प्रज्ञान ओझा ने क्रिकेट को अलविदा कह दिया है. 33 साल के इस बाएं हाथ के स्पिनर ने शुक्रवार को सभी तरह के क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की. उन्होंने ट्विटर पर पोस्ट शेयर कर अपने रिटायरमेंट के बारे में बताया. प्रज्ञान ओझा ने ट्वीट कर लिखा, 'यह मेरे जीवन के अगले चरण में आगे बढ़ने का समय है. सभी का प्यार और समर्थन हमेशा मेरे साथ रहेगा और मुझे हर समय प्रेरित करेगा.'
It’s time I move on to the next phase of my life. The love and support of each and every individual will always remain with me and motivate me all the time 🙏🏼 pic.twitter.com/WoK0WfnCR7
— Pragyan Ojha (@pragyanojha) February 21, 2020
उन्होंने कहा ,‘भारत के लिए इस स्तर पर खेलना हमेशा से मेरा सपना था. मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता कि कितना खुशकिस्मत हूं कि मेरा सपना पूरा हुआ. मुझे देशवासियों का इतना प्यार और सम्मान मिला.’
प्रज्ञान ओझा ने भारत की ओर से 24 टेस्ट मैचों में 113 विकेट निकाले, जबकि 18 वनडे इंटरनेशनल में उन्होंने 21 विकेट चटकाए. 6 टी-20 इंटरनेशनल में उनके हिस्से 10 विकेट आए. उन्होंने आखिरी टेस्ट वेस्टइंडीज के खिलाफ मुंबई में नवंबर (14-16) 2013 में खेला, जो सचिन तेंदुलकर के करियर का आखिरी टेस्ट मैच था. ओझा का टेस्ट करियर चार साल (2009-2013) का रहा.
मजे की बात है कि सचिन का विदाई टेस्ट प्रज्ञान ओझा का भी आखिरी टेस्ट मैच साबित हुआ. इसके बाद उन्हें भारतीय टीम की ओर से दोबारा खेलने का मौका नहीं मिला. अपने अंतिम टेस्ट में ओझा ने कुल 10 विकेट (5/40, 5/49) चटाकाए थे और प्लेयर ऑफ द मैच रहे. प्रज्ञान ओझा की फिरकी की बदौलत सचिन के उस विदाई मैच को भारत ने पारी और 126 रनों से जीता था.
Pragyan Ojha has retired from all forms of cricket!
He represented India in 48 matches across formats between 2008 and 2013 and picked up 144 wickets. pic.twitter.com/lQbBeC7zwW
— ICC (@ICC) February 21, 2020
प्रज्ञान ओझा ने कुल 108 प्रथम श्रेणी मैच खेले और 424 विकेट निकाले. पारी में उनकी सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी 7/58 रही. उन्होंने अपना आखरी फर्स्ट क्लास मैच बिहार की ओर से नवंबर 2018 में खेला. ओझा ने 2005 में हैदराबाद की ओर से प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण किया था.
आईपीएल में डेक्कन चार्जर्स और मुंबई इंडियंस के लिए खेल चुके ओझा को दिसंबर 2014 में संदिग्ध गेंदबाजी एक्शन की वजह से प्रतिबंधित कर दिया गया था. जिसके बाद उन्हें अपने एक्शन में सुधार के लिए रिहैबिलिटेशन के दौर से गुजरना पड़ा. आखिरकार जनवरी 2015 को ओझा को दोबारा गेंदबाजी करने की अनुमति मिल गई.