INX मीडिया केस में दिल्ली की रॉउज एवेन्यू कोर्ट ने सभी छह नौकरशाहों को 2-2 लाख रुपये के निजी मुचलके पर नियमित जमानत दे दी है. इन नौकरशाहों पर सीबीआई द्वारा आरोप लगाए गए थे और फिलहाल ये अंतरिम जमानत पर बाहर थे. स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने सभी को जमानत देते वक्त निर्देश दिया है कि वो बिना कोर्ट की अनुमति के देश नहीं छोड़ सकते हैं.
इस मामले में जिन नौकरशाहों को कोर्ट ने जमानत दी है, उसमें पूर्व नीति आयोग सीईओ सिंधुश्री खुल्लर और पूर्व विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (FIPB) निदेशक प्रबोध सक्सेना के अलावा पूर्व वित्त मंत्री के ओएसडी प्रदीप कुमार बग्गा भी शामिल हैं.
कोर्ट ने इन सभी को निर्देश दिया है कि ये दस्तावेज या सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेंगे और कोर्ट को बताए बिना देश से बाहर नहीं जायेंगे.
इससे पहले आईएनएक्स मीडिया केस में रॉउज एवेन्यू कोर्ट ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को भी जमानत दी है.
बता दें कि ये सभी छह नौकरशाह, आईएनएक्स मीडिया केस में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में सीबीआई जांच के घेरे में हैं. इन पर एफआईपीबी से स्वीकृति दिलाने के नाम पर नियमों का उल्लंघन करने का आरोप है.
क्या है INX केस?
चिदंबरम पर आईएनएक्स मीडिया केस में फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन बोर्ड (एफआईपीबी) से गैरकानूनी तौर पर मंजूरी दिलाने के लिए रिश्वत लेने का आरोप है. ये मामला 2007 का है, जब पी. चिदंबरम यूपीए-1 सरकार में वित्त मंत्री थे. पूर्व वित्त मंत्री के अलावा सीबीआई इस मामले में उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को भी गिरफ्तार कर चुकी है जो फिलहाल जमानत पर हैं.
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कार्ति चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया को 2007 में एफआईपीबी से मंजूरी दिलाने के लिए कथित रूप से रिश्वत लेने के आरोप में 28 फरवरी 2018 को गिरफ्तार किया गया था. ईडी ने सीबीआई की एक प्राथमिकी के आधार पर एक पीएमएलए का मामला दर्ज किया. ईडी ने 2007 में विदेश से 305 करोड़ की राशि प्राप्त करने के लिए आईएनएक्स मीडिया को एफआईपीबी मंजूरी देने में कथित तौर पर अनियमितता का आरोप लगाया है. ईडी की अब तक की जांच से पता चला है कि एफआईपीबी की मंजूरी के लिए INX मीडिया के पीटर और इंद्राणी मुखर्जी ने पी.चिदंबरम से मुलाकात की थी, ताकि उनके आवेदन में किसी तरह की देरी ना हो.