राम मंदिर ट्रस्ट के 15 सदस्‍यों का ऐलान, हिंदू पक्ष के वकील रहे पाराशरन समेत ये लोग हुए शामिल
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राम मंदिर ट्रस्ट के 15 सदस्‍यों का ऐलान, हिंदू पक्ष के वकील रहे पाराशरन समेत ये लोग हुए शामिल

सदस्यों के चयन के बाद ट्रस्ट राम मंदिर पर आगे की रूपरेखा तय करेगा. 

फाइल फोटो.

अयोध्या: राम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण के लिए गठित श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (Shree Ram Janmabhoomi kshetra Trust) की पहली बैठक आज शाम 5 बजे दिल्ली में होगी. बैठक से पूर्व कुल 15 सदस्यीय ट्रस्ट का ऐलान कर दिया गया...

ये नाम हैं...

1. के पाराशरन, वरिष्ठ वकील. अयोध्या में मामले में हिंदू पक्ष के वकील रहे हैं.

2. जगतगुरू शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज, प्रयागराज

3. जगतगुरू स्वामी प्रसन्नतीर्थ जी महाराज, पेजावर मठ, उडुपी

4. युगपुरूष परमानंद जी महाराज, अखंड आश्रम, हरिद्वार

5. विमलेन्द्र मोहन मिश्रा उर्फ़ राजा अयोध्या, अयोध्या राज परिवार के वंशज 

6. डॉ अनिल मिश्रा, अयोध्या

7. कामेश्वर चौपाल, पटना 

8. महंत दीनेंद्र दास, निर्मोही अखाड़ा

9. संयुक्त सचिव स्तर का केन्द्र सरकार का अधिकारी 

10. अनुज झा, ज़िलाधिकारी अयोध्या 

11. अवनीश अवस्थी, अपर मुख्य सचिव गृह, यूपी सरकार

12. स्वामी गोविंद देव गिरी जी, पुणे, गुरू पाण्डुरंग अठावले के शिष्य

13. Ex Officio Member का चयन ट्रस्ट करेगा

14. एक प्रमुख हिन्दू

15. एक प्रमुख हिन्दू

सदस्यों के चयन के बाद ट्रस्ट राम मंदिर पर आगे की रूपरेखा तय करेगा. ट्रस्ट अपने अध्यक्ष, महासचिव और कोषाध्यक्ष बनाने पर भी चर्चा करेगा. सूत्र बता रहे हैं कि अयोध्या के किसी संत को इसकी जिम्मेदारी दी जा सकती है.

आज होने वाली इस बैठक में श्रीराम जन्मभूमि न्यास समिति की तरफ से महंत नृत्यगोपाल दास राम मंदिर का मॉडल, तराशे गए पत्थर व अन्य महत्वपूर्ण सामग्री नवगठित ट्रस्ट को सौंप सकते हैं. आपको बता दें कि राम मंदिर निर्माण के लिए 70% पत्थरों की तराशी पूरी हो चुकी है, जो कि इस वक्त अयोध्या के रामसेवरपुरम और कार्यशाला में मौजूद हैं.

दिल्ली में ट्रस्ट की इस पहली बैठक में ये भी तय किया जाएगा कि सबसे पहले 67 एकड़ ज़मीन की पैमाइश कराई जाए. ट्रस्ट के पदेन सदस्य डीएम अयोध्या अनुज झा ज़मीन पर अपनी रिपोर्ट ट्रस्ट को पहली मीटिंग में सौंपेंगे.

सबसे महत्वपूर्ण ये है कि राम मंदिर का निर्माण कार्य कब से शुरू होगा? यह सवाल हर किसी के मन में है और इसका जवाब आज की बैठक के बाद मिल सकता है. साधु संतों का कहना है की हिंदू नववर्ष की शुरुआत के बाद किसी भी समय भूमि पूजन किया जा सकता है. अधिकतर साधु-संत रामनवमी के पक्ष में हैं लेकिन किसी शुभ मुहूर्त पर विचार होगा. संभावना जताई जा रही है कि अप्रैल में राम मंदिर का भूमि पूजन किया जाएगा.

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