डीयू के कुलपति ने कहा कि भारत दुनिया की सांस्कृतिक राजधानी है. "संस्कृति में भारत का प्रमुख संस्थान होने के नाते, कश्मीर में भौगोलिक स्थिति, प्राकृतिक सौंदर्य, संस्कृति, भोजन, परंपरा, कश्मीर के साहित्य के महत्व की सराहना करने और इसे लोगों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी हमारी है.'
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नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) कश्मीरी संस्कृति (Kashmiri Culture) और संगीत (Music) पर लेख प्रकाशित करने वाले शोधकर्ताओं (Researchers) को 1 लाख रुपये का ईनाम देगा. कुलपति योगेश त्यागी ने मंगलवार को इसकी घोषणा की. विश्वविद्यालय ने "कल्चरल फ्लेवर्स ऑफ इंडिया" बैनर तले "मीरास-ए-कश्मीर" का आयोजन किया गया. जिसमें भारत की विविध सांस्कृतिक विरासत की झलक देखने को मिली.
डीयू द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि कांग्रेस के दिग्गज नेता करण सिंह (Karan Singh) ने घाटी के प्रमुख संतों द्वारा कश्मीरी संस्कृति, विरासत और पारंपरिक ज्ञान की समृद्ध खोज का सार बताया. उन्होंने छात्रों से सच्चाई और सकारात्मक दृष्टिकोण के माध्यम से सफलता की राह पर चलने का आग्रह किया.
डीयू के कुलपति ने कहा कि भारत दुनिया की सांस्कृतिक राजधानी है. "संस्कृति में भारत का प्रमुख संस्थान होने के नाते, कश्मीर में भौगोलिक स्थिति, प्राकृतिक सौंदर्य, संस्कृति, भोजन, परंपरा, कश्मीर के साहित्य के महत्व की सराहना करने और इसे लोगों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी हमारी है.' कश्मीरी संस्कृति की सुंदरता दुनिया के सामने लाने के लिए उन्होंने सभी शिक्षकों और रिसर्चरों से क्वालिटी रिसर्च करने का आग्रह किया.
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डीयू ने उन शिक्षकों और रिसर्चरों के लिए 1 लाख रुपये के पुरस्कार की घोषणा भी की है, जो कश्मीरी संस्कृति और संगीत पर स्कॉपस इंडेक्सेड पत्रिकाओं (Scopus Indexed Journals) में लेख प्रकाशित करते हैं.
इनपुट- PTI