डोनल्ड ट्रंप के तीन घंटों पर गुजरात में खर्च होंगे 85 करोड़- पाँच बड़ी ख़बरें

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अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात की राजधानी अहमदाबाद में दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम का उद्घाटन करेंगे.

राष्ट्रपति ट्रंप सोमवार यानी 24 फ़रवरी को भारत के दो दिवसीय दौरे पर आ रहे हैं. राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप पहली बार भारत आ रहे हैं. वह अहमदाबाद स्थित गांधी आश्रम भी जा सकते हैं.

मोदी के पीएम बनने के बाद से चीन, जापान और इसराइल के राष्ट्राध्यक्षों को भी अहमदाबाद लाया गया था. अहमदाबाद गुजरात का सबसे बड़ा शहर है.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स से गुजरात सरकार के अधिकारियों ने बताया कि अहमदाबाद में ट्रंप के तीन घंटे रहने में 85 करोड़ रुपये खर्च होंगे. यह रक़म गुजरात के गृह विभाग के वार्षिक बजट का क़रीब डेढ़ फ़ीसदी है.

12 हज़ार पुलिस अधिकारियों की तैनाती रहेगी और इसमें ही आधी रक़म खर्च होगी. अहमदाबाद नगर निगम के आयुक्त विजय नेहरा ने रॉयटर्स को बताया है कि क़रीब 30 करोड़ रुपये क्रिकेट स्टेडियम के आसपास सड़कें चौड़ी करने और इन्फ़्रास्ट्रक्चर बढ़ाने में खर्च हो चुके हैं.

इस स्टेडियम की क्षमता एक लाख 10 हज़ार दर्शकों की है. नेहरा ने कहा कि जहां से ट्रंप गुजरेंगे, उस इलाक़े को सजाने में छह करोड़ रुपये खर्च होंगे.

राम मंदिर ट्रस्ट की पहली बैठक आज

अयोध्या
इमेज कैप्शन, अयोध्या में जल्द ही राम मंदिर का निर्माण शुरू किया जाएगा

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए बनाए गए श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की पहली बैठक आज दिल्ली में होगी. इस बैठक में मंदिर निर्माण कब से शुरू किया जाना है इस पर विचार किया जाएगा.

आज की इस पहली बैठक के दौरान ट्रस्ट मंदिर निर्माण के मुहरत और समयसीमा पर निर्णय ले सकता है.

मंदिर निर्माण के लिए पैसा किन स्रोतों से जुटाया जाए, इस पर भी चर्चा हो सकती है. मंदिर के लिए जनता से पारदर्शी तरीके से चंदा जुटाने पर भी फ़ैसला लिया जा सकता है.

मंदिर निर्माण के दौरान रामलला की मूर्ति को कहां रखा जाए, ये निर्णय भी ट्रस्ट को लेना है.

केंद्र सरकार ने बीते महीने मंदिर निर्माण के लिए पंद्रह सदस्यीय ट्रस्ट की घोषणा की थी. इसमें धार्मिक प्रतिनिधियों के अलावा नागरिक प्रतिनिधि और सरकारी अधिकारी भी हैं.

जम्मू-कश्मीर में पंचायत चुनाव टला

जम्मू-कश्मीर

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जम्मू-कश्मीर में अगले महीने होने वाले पंचायत चुनाव को सुरक्षा कारणों से टाल दिया गया है. जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म किए जाने और दो हिस्सों में विभाजित किए जाने के बाद पंचायत चुनाव को अहम माना जा रहा था.

इससे पहले नवंबर 2018 में पंचायत चुनाव हुए थे. प्रदेश में बीजेपी और महबूबा मुफ़्ती के गठबंधन वाली सरकार गिरने के बाद से विधानसभा चुनाव भी नहीं हुआ है.

प्रदेश में पंचायत चुनाव का स्थानीय पार्टी पीडीपी और नेशनल कॉन्फ़्रेंस के साथ कांग्रेस भी विरोध कर रही थी.

इन पार्टियों ने प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मुलाक़ात कर कहा था कि वो पंचायत चुनाव में तभी हिस्सा लेंगी जब उनके नेताओं को रिहा किया जाएगा.

हालांकि पिछला पंचायत चुनाव पार्टी लाइन पर नहीं हुआ था. उस वक़्त भी नेशनल कॉन्फ़्रेंस और पीडीपी ने पंचायत चुनाव का बहिष्कार किया था.

प्रशांत किशोर के लिए नीतीश अचानक गोडसेवादी क्यों हुए?

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चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर से बीजेपी ने पूछा है कि उन्हें नीतीश कुमार अचानक गोडसेवादी क्यों लगने लगे हैं? मंगलवार को प्रशांत किशोर ने पटना में प्रेस कॉन्फ़्रेस कर कहा था कि नीतीश कुमार गांधी की विचारधारा का समर्थन करते हैं, वो गोडसे के समर्थकों के साथ खड़े नहीं हो सकते.

प्रशांत किशोर की इस टिप्पणी पर बिहार के वरिष्ठ बीजेपी नेता और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा, ''जो व्यक्ति 2014 में नरेंद्र मोदी की जीत के लिए काम करने का डंका पीट चुका हो उसे बताना चाहिए कि तब मोदी और बीजेपी उसे गोडसेवादी क्यों नहीं लगे? पिछले ढाई साल से नीतीश कुमार बीजेपी के साथ हैं लेकिन चुनाव के आठ महीने पहले वो गोडसेवादी क्यों लगने लगे?''

सुशील मोदी ने लिखा है, ''अजीब पाखंड है. कोई किसी को पितातुल्य बताए और पिता के लिए 'पिछलग्गू' जैसा घटिया शब्द चुने.''

कश्मीर पर यूएन महासचिव के प्रस्ताव का पाकिस्तान ने किया स्वागत

शाह महमूद क़ुरैशी

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पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान कश्मीर मामले में संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतेरस के मध्यस्थता के प्रस्ताव का स्वागत करता है.

इस्लामाबाद में पत्रकारों से बात करते हुए क़ुरैशी ने कहा कि भारत की तरफ़ से इस प्रस्ताव को ख़ारिज करना बताता है कि वो यूएन के प्रस्ताव को मानने से मुकर रहा है.

रविवार को यूएन प्रमुख एंतोनियो गुतेरस ने कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता का प्रस्ताव रखा था.

भारत ने इस प्रस्ताव को नकार दिया था और कहा था कि कश्मीर उसका आंतरिक मामला है. एंतोनियो गुतेरस ने मध्यस्थता की बात अपने पाकिस्तान दौरे में की थी.

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