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कलावा बांध कर आतंक फैलाने आया था कसाब, मारा जाता तो हिंदू के रूप में होती पहचान

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई Published by: गौरव पाण्डेय Updated Wed, 19 Feb 2020 12:04 AM IST
सार

मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त राकेश मारिया ने पुस्तक ‘लेट मी से इट नाऊ’ में बताया है कि हाथ में कलावा बांध और भारतीय पहचान पत्रों के साथ लश्कर ने उन्हें हिंदू आतंकी साबित करने का षड्यंत्र रचा था।

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Rakesh Maria in his book, Mumbai attack could take form of Hindu terror attack if Kasab was killed
आतंकी कसाब

विस्तार
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26 नवंबर, 2008 के मुंबई हमले से पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-ताइबा न केवल भारत की व्यावसायिक राजधानी को दहलाना चाहता था बल्कि इसके लिए ‘हिंदू आतंकवाद’ को जिम्मेदार ठहराना चाहता था। अगर आतंकी अजमल आमिर कसाब उस दिन मारा जाता तो दुनिया के सामने उसकी पहचान बंगलूरू निवासी समीर दिनेश चौधरी के रूप से जाहिर होती। यही नहीं, उसे हिंदू साबित करने के लिए उसके हाथ में कलावा भी बांधा था। यह सनसनीखेज दावा मुंबई पुलिस कमिश्नर रहे राकेश मारिया ने अपनी किताब ‘लेट मी से इट नाऊ’ में किया है।



मारिया ने लिखा, कसाब के कब्जे से जो पहचान पत्र मिला उसमें उसका नाम समीर दिनेश चौधरी नाम लिखा था। लश्कर की साजिश सफल होती तो सारे अखबारों और चैनलों पर ‘हिंदू आतंकवाद’ की खबर चलती। कहा जाता कि हिंदू आतंकियों ने मुंबई पर हमला किया। बंगलूरू में कसाब के फर्जी पते पर उसके परिवार और पड़ोसियों के घर चैनलों की लाइन लग जाती, लेकिन साजिश पर पानी फिर गया और समीर पाकिस्तान के फरीदकोट का कसाब निकला। इन आतंकियों के पास हैदराबाद के अरुणोदय कॉलेज परिचय पत्र था।

क्या यह कांग्रेस और आईएसआई की संयुक्त योजना थी : भाजपा

वहीं, भाजपा ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त राकेश मारिया की नई किताब में किए गए दावे को लेकर मंगलवार को कांग्रेस पर हमला बोला और कहा कि इससे सवाल पैदा होता है कि क्या भगवा आतंकवाद की साजिश कांग्रेस और पाकिस्तानी आईएसआई की संयुक्त योजना थी। भाजपा प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने मारिया के दावे पर कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इस्लामिक आतंकवाद के इतिहास में पहली बार अपराधियों ने अपनी पहचान के बारे में लोगों को गुमराह करने का प्रयास किया।

उन्होंने कहा, यह गंभीर सवाल उठाता है, क्या भगवा आतंकवाद की साजिश कांग्रेस और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की संयुक्त योजना थी। लगभग उसी समय, 'संप्रग ने भगवा आतंकवाद की बात की और राहुल गांधी ने अमेरिकी राजनयिकों से कहा कि भारत में पैदा हुए समूह इस्लामिक आतंकी समूह की अपेक्षा बड़ा खतरा हैं।’ उन्होंने कांग्रेस से जवाब मांगते हुए कहा कि पार्टी को इस पर सफाई देनी चाहिए और स्पष्ट करना चाहिए कि क्या आईएसआई कांग्रेस के नेतृत्व वाले संप्रग का विस्तारित हिस्सा थी।

मुंबई पुलिस रोक रही थी, केंद्रीय एजेंसियों ने तस्वीर जारी की थी

हमले के दौरान कलाई पर कलावा बांधे छत्रपति शिवाजी टर्मिनस स्टेशन के सीसीटीवी कैमरे में हुए नजर आ रहे कसाब की तस्वीर सार्वजनिक हुई थी। इसे लेकर मारिया ने बताया कि मुंबई पुलिस पूरे प्रयास कर रही थी कि यह तस्वीर लीक न हो। ऐसा होने पर भ्रम की स्थितियां पैदा हो सकती थीं। लेकिन ‘केंद्रीय एजेंसियों’ ने इस तस्वीर को जारी कर दिया।

भगौड़ा दाउद जेल में खत्म करना चाहता था कसाब को

उन्होंने पुस्तक में दावा किया कि पाकिस्तान की बदनाम खुफिया एजेंसी आईएसआई और लश्कर नहीं चाहते थे कि कोई आतंकी जीवित पकड़ा जाए। वे कसाब को जेल में खत्म करना चाहते थे ताकि हमले का उनसे कोई लिंक साबित करने का मौका भारत को न मिले। उन्हाेंने यह काम भारत से भगौड़े आतंकी दाउद को सौंपा। दाउद ने इसके लिए अपनी गैंग की मदद लेने की कोशिश की, लेकिन वह सफल नहीं हो सका।

मानता था भारत में मुसलमानों को नमाज नहीं पढ़ने देते

कसाब मानता था कि भारत में आम मुसलमान बुरे हालात में हैं। उन्हें नमाज नहीं पढ़ने दी जाती, मस्जिदों में ताले लगा दिए जाते हैं। मारिया के अनुसार जब वह क्राइम ब्रांच के लॉकअप में था और आसपास मौजूद मस्जिदों से पांच वक्त नमाज की आवाज उस तक पहुंचती तो उसे लगता कि यह उसका वहम है। जबकि मारिया को यह जानकारी हुई, तो उन्हाेंने जांच अधिकारी रमेश महाले सहित कुछ पुलिसकर्मियों के साथ कसाब को पुलिस की गाड़ी में मेट्रो सिनेमा के पास मौजूद मस्जिद में नमाज के समय भेजा। तब उसे मालूम हुआ कि पाकिस्तान में उसे भारत के बारे में झूठ बताया गया।

चोरी चकारी के लिए लश्कर से जुड़ा था

मारिया के अनुसार फरीदकोट पाकिस्तान का रहने वाला कसाब लूट के मकसद से लश्कर से जुड़ा था। कसाब और उसका दोस्त मुजफ्फर खान केवल लूटपाट करना चाहते थे, उन्हें जिहाद से मतलब नहीं था। उसे तीन चरण की ट्रेनिंग के बाद सवा लाख रुपये देकर परिवार से मिलने की छुट्टी दी गई। ये पैसे कसाब ने बहन की शादी के लिए परिवार को दिए थे।

भाजपा ने उठाए कांग्रेस पर सवाल

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मारिया को यह सब तब बोलना था जब वह पुलिस कमिश्नर थे। मेरे ख्याल से कांग्रेस और यूपीए द्वारा गहरी साजिश रची गई थी। झूठ और फरेब का एक नमूना हमने तब देखा जब चिदंबरम साहब के कहने पर हिंदू आतंकवाद का बखेड़ा खड़ा करने की कोशिश हुई। कांग्रेस ने देश को गुमराह करने की कोशिश की। इसका खामियाजा उसे 2014 औऱ 2019 में भुगतना पड़ा।
- पीयूष गोयल, केंद्रीय मंत्री

संघ को जोड़ने की साजिश थी। आईएसआई की साजिश कामयाब नहीं हो सकी, लेकिन कुछ बुद्धिजीवियों ने मुंबई हमले को आरएसएस से जोड़ने की कोशिश की। ऐसे लोगों को कांग्रेस नेताओं का समर्थन हासिल था।
- राममाधव, महासचिव भाजपा

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