सब्सक्राइब करें
विज्ञापन
Hindi News ›   World ›   Islamabad High Court says It is not India but Pakistan  

पाकिस्तान की अदालतों ने भी उठाया भारत के खिलाफ जहर उगलने का बीड़ा

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला Published by: Mohit Mudgal Updated Tue, 18 Feb 2020 04:05 AM IST
सार

पाकिस्तान की कोर्ट ने कहा कि लोकतांत्रिक देश में विरोधियों को आवाज उठाने का पूरा हक है। बता दें कि दुनियाभर में विरोध के बाद पख्तून नेता के समर्थकों से देशद्रोह के केस हटाए गए।

Islamabad High Court says It is not India but Pakistan  
Islamabad High court (file)
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

पाकिस्तान ने अब खुद को सबसे ज्यादा लोकतांत्रिक साबित करने के नाम पर भारतीय न्याय व्यवस्था और कानूनी प्रक्रिया पर तंज कसा है। इस्लामाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अतहर मिनल्लाह ने सोमवार को पख्तून नेता मंजूर पश्तीन की गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए हिरासत में लिए गए लोगों के पक्ष में फैसला सुनाया। कोर्ट ने उन पर लगाए सारे मामले वापस लेते हुए कहा, किसी भी लोकतांत्रिक सरकार को अभिव्यक्ति की आजादी कुचलने का कोई हक नहीं। इसी दौरान उन्होंने भारत पर तंज कसा और कहा, यह पाकिस्तान है, भारत नहीं।



पाकिस्तानी अखबार ‘द डॉन’ के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए इन लोगों को जमानत तो दो फरवरी को ही मिल गई थी, लेकिन कोर्ट के निर्देश के बाद इस्लामाबाद के डिप्टी कमिश्नर हम्जा शफाकत ने सोमवार को हाईकोर्ट को बताया कि इन सभी 23 कार्यकर्ताओं पर लगाए गए मामले वापस ले लिए गए हैं। दो फरवरी को पख्तून तहफ्फ्ज मूवमेंट (पीटीएम) और अवामी वर्कर्स पार्टी (एडब्ल्यूपी) के कार्यकर्ताओं को जमानत देते हुए हाईकोर्ट ने इस्लामाबाद प्रशासन को कड़ी फटकार लगाई थी और कहा था कि आप किसी को शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने से कैसे रोक सकते हैं?

सरकार ने कहा-देश विरोधी नारे लगाए थे

सुनवाई के दौरान प्रशासन का पक्ष रखते हुए इस्लामाबाद के एडवोकेट जनरल तारिक महमूद जहांगीर ने कहा, हम पिछले 20 सालों से आतंकवाद के खिलाफ लड़ रहे हैं। इन प्रदर्शनकारियों में से कुछ देश-विरोधी नारे लगा रहे थे और पर्चे बांट रहे थे। इसलिए उन पर देशद्रोह जैसी धाराएं लगाई गईं। इकसे जवाब में मिनल्लाह ने कहा, क्या किसी देश की सरकार इतनी कमजोर होती है कि वह चंद लोगों के नारे लगाने से डर जाए? क्या किसी लोकतांत्रिक सरकार को अपनी आलोचना सुनने की हिम्मत नहीं रखनी चाहिए?
विज्ञापन
विज्ञापन

तीन करोड़ पख्तून लेकिन वजूद पर संकट

दरअसल, पाकिस्तान में करीब तीन करोड़ पख्तून हैं जो कबाइली इलाकों में उनके खिलाफ चलाए जा रहे अभियान का विरोध करते हैं। पाकिस्तानी पख्तूनों का संगठन पीटीएम अपने समुदाय की सुरक्षा के साथ-साथ उनके अचानक लापता होने और हत्याएं होने के खिलाफ आवाज उठाता है। उनका आरोप है कि उन्हें गैरकानूनी तरीके से गिरफ्तार किया जाता है। पाकिस्तान में पख्तूनों की बुरी हालत और उनके खिलाफ जुल्म की कई खबरें लगातार आती रहती हैं। पख्तून, जिन्हें आमतौर पर पठान के नाम से जाना जाता है, मूलत: ईरान और अफगानिस्तान से हैं और पश्तो बोलते हैं। पाकिस्तान में इनकी बड़ी आबादी सैकड़ों सालों से है। इतनी बड़ी आबादी के बावजूद इनके वजूद पर हमेशा संकट रहता है।

दुनियाभर में पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन

पीटीएम मुखिया मंजूर को 27 जनवरी को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ देश-विरोधी धारायें लगाईं। इस गिरफ्तारी के खिलाफ दुनिया के कई देशों में पाकिस्तानी दूतावास के बाहर प्रदर्शन हुए और रिहाई की मांग उठी। इस्लामाबाद में पीटीएम और एडब्ल्यूपी के कार्यकर्ता सड़कों उतरे। इस पर सख्ती करते हुए पुलिस ने 23 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर देशद्रोह की धाराएं लगा दीं। आतंकवाद विरोध के नाम पर पख्तूनों पर जुल्म के खिलाफ दुनियाभर के विरोध और दबाव देखते हुए पाकिस्तानी कोर्ट ने लोकतंत्र, मानवाधिकारों की हिफाजत और अभिव्यक्ति की आजादी पर कड़ा रुख अपना रही है।
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get latest World News headlines in Hindi related political news, sports news, Business news all breaking news and live updates. Stay updated with us for all latest Hindi news.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

  • Downloads

Follow Us

फॉन्ट साइज चुनने की सुविधा केवल
एप पर उपलब्ध है

अमर उजाला एप इंस्टॉल कर
रजिस्टर करें और 100 Loyalty कॉइन्स पाएं

केवल नए रजिस्ट्रेशन पर
और जानें
बेहतर अनुभव के लिए
4.3
ब्राउज़र में ही

अब मिलेगी लेटेस्ट, ट्रेंडिंग और ब्रेकिंग न्यूज
आपके व्हाट्सएप पर

X
Jobs

सभी नौकरियों के बारे में जानने के लिए अभी डाउनलोड करें अमर उजाला ऐप

Download App Now
एप में पढ़ें

क्षमा करें यह सर्विस उपलब्ध नहीं है कृपया किसी और माध्यम से लॉगिन करने की कोशिश करें

Followed