प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को एक ऐसी ट्रेन की शुरुआत की है जो भगवान शिव से जुड़े तीन तीर्थों को एक साथ जोड़ती है. वाराणसी से इंदौर के लिए चलने वाली काशी महाकाल एक्सप्रेस अपने आप में काफी खास है, जिसमें एक सीट भगवान शिव के लिए सेफ रखी गई है. लेकिन इस पर अब सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं. AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस फैसले पर सवाल खड़े किए हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टैग कर एक ट्वीट किया है.
दरअसल, समाचार एजेंसी ANI ने वाराणसी में काशी महाकाल एक्सप्रेस के बी5 कोच में सीट नंबर 64 को मंदिर के रूप में बदल दिया गया है. यहां भगवान शिव का छोटा सा मंदिर बनाया गया है, ताकि ट्रेन में भी लोगों को भगवान शिव के दर्शन करने को मिलें.
Sir @PMOIndia https://t.co/HCeC9QcfW9 pic.twitter.com/6SMJXw3q1N
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) February 17, 2020
इसी ट्वीट को रिट्वीट करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टैग किया और संविधान की प्रस्तावना को साझा किया. बता दें कि संविधान की प्रस्तावना पर सभी धर्मों के साथ एक समान, सभी लोगों के साथ एक समान व्यवहार करने के बारे में लिखा गया है.
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी इससे पहले भी मोदी सरकार पर धर्म के आधार पर राजनीति करने का आरोप लगाते रहे हैं, जिसमें नागरिकता संशोधन एक्ट, नेशनल रजिस्टर फॉर सिटीजन को लागू करना भी शामिल है.
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रविवार को एक दिवसीय काशी दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई योजनाओं की शुरुआत की. इन्हीं में से एक रही काशी महाकाल एक्सप्रेस की शुरुआत, ये ट्रेन भगवान शिन के तीन ज्योतिर्लिंगों ओंकारेश्वर, महाकालेश्वर और काशी विश्वनाथ को एक साथ जोड़ेगी. इस ट्रेन का मकसद भगवान शिव के भक्तों को अच्छी सुविधा का एहसास कराना है.
भारतीय रेलवे के मुताबिक, इस ट्रेन में यात्रियों का खास ख्याल रखा गया है. इसमें यात्रियों के मनोरंजन और अध्यात्मिक अहसास के लिए भजन-कीर्तन का आयोजन होगा. इस ट्रेन में शुरुआती दिनों में एक मंडली जाएगी, जो भजन-कीर्तन गाएगी. इसके बाद 20 फरवरी को भी एक मंडली का आयोजन होगा. इसके बाद लगातार कैसेट के माध्यम से अनांउसमेंट के जरिए लोग ट्रेन में ही भजन-कीर्तन सुन सकेंगे.