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महाशिवरात्रि पर इस बार दुर्लभ योग, इस विशेष विधि से करें भगवान शिव की पूजा
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महाशिवरात्रि पर इस बार दुर्लभ योग, इस विशेष विधि से करें भगवान शिव की पूजा

हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है महाशिवरात्रि.
हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है महाशिवरात्रि.

इस महाशिवरात्रि को सैंकड़ों सालों बाद ऐसा योग बन रहा है जोकि काफी महत्वपूर्ण है. इस बाद 117 साल बाद शुक्र और शनि का योग ...अधिक पढ़ें

    हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार 21 फरवरी 2020 (शुक्रवार) को शिवरात्रि मनाई जाएगी. फाल्गुन माह में पड़ने वाली शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहा जाता है. महाशिवरात्रि के दिन भक्त भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं. इस साल की शिवरात्रि को काफी ख़ास माना जा रहा है. दरअसल इस महाशिवरात्रि को सैंकड़ों सालों बाद ऐसा योग बन रहा है जोकि काफी महत्वपूर्ण है. इस बाद 117 साल बाद शुक्र और शनि का योग बन रहा है.

    कुमकुम न अर्पित करें:
    भगवान शिव की पूजा करते वक्त उन्हें रोली या कुमकुम नहीं अर्पित करना चाहिए. दरअसल, भगवान शिव को मोह माया से मुक्त माना जाता है. इसलिए उन्हें पूजा में कुमकुम नहीं अर्पित किया जाता है. लेकिन हिंदू धर्म में रोली यानी कि कुमकुम को अच्छे भाग्य का प्रतीक माना जाता है.

    महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर धतूरा और बेलपत्र अर्पित करना चाहिए.
    महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर धतूरा और बेलपत्र अर्पित करना चाहिए.


    धतूरा बेल पत्र करें अर्पित:
    महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर धतूरा और बेलपत्र अर्पित करना चाहिए. माना जाता है कि धतूरा और बेल पत्र भगवान शिव को अति प्रिय होते हैं. भगवान शिव की पूजा करते वक्त कभी भी केसर, चम्पा और चमेली के पुष्प नहीं अर्पित करने चाहिए. इसके साथ ही भगवान शिव को पूजा में तुलसी दल भी नहीं अर्पित किया जाता है.

    काले वस्त्र पहनकर ना करें पूजा:
    महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा करते समय इस बात का ख्याल रखें कि पूजा के समय काले रंग के वस्त्र ना धारण करें. पूजा करते समय लाल या पीले रंग के वस्त्र धारण करें.

    फाल्गुन के महीने की शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहा जाता है.
    फाल्गुन के महीने की शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहा जाता है.


    मांस-मदिरा से करें परहेज:
    महाशिवरात्रि का व्रत करने वाले जातकों को मांस, मदिरा और धूम्रपान से दूर रहना चाहिए. महाशिवरात्रि के दिन पूरे दिन पूजा पाठ के साथ भगवान शिव् का स्मरण करते रहना चाहिए. ॐ नमः शिवाय या महा मृत्युंजय मंत्र का जाप करते रहना चाहिए.

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    Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.

    Tags: Religion