गुजरात के भुज में पीरियड्स की जांच के लिए 68 छात्राओं के कपड़े उतरवाए जाने का मामला सामने आया था. इस घटना का संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने जांच के लिए एक टीम गठित की थी, वहीं मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने भी इसे गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई के निर्देश दिए थे.
महिला आयोग की जांच टीम ने भुज के श्री सहजानंद गर्ल्स इंस्टिट्यूट पहुंचकर 68 में से 44 लड़कियों से बात की. महिला आयोग की टीम की जांच के दौरान यह सामने आया कि छात्राओं को प्रवेश के समय ही सभी नियमों की जानकारी देकर उनकी सहमति ले ली गई थी. छात्राओं के पीरियड्स की जांच के लिए अपनाया गया तरीका मुद्दा था.
National Commission for Women: Inquiry committee was informed that during the admission process, girls had to give their consent that while menstruating they will not have their meals in the dining hall and will not be allowed to sleep on their beds and will sleep on the floor. https://t.co/RJ5xqR4e9i
— ANI (@ANI) February 16, 2020Advertisement
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महिला आयोग की टीम ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा है कि छात्राओं को प्रवेश प्रक्रिया के समय ही यह जानकारी दे दी गई थी कि मासिक धर्म के दौरान वे भोजन कक्ष में भोजन नहीं करेंगी. उन्हें अपने बिस्तर पर सोने की अनुमति नहीं होगी और वे फर्श पर सोएंगी. छात्राओं से प्रवेश के समय ही इन शर्तों पर सहमति ले ली गई थी.
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महिला आयोग की रिपोर्ट के अनुसार जांच करने पहुंची टीम को यह बताया गया कि छात्राओं को इससे कोई समस्या नहीं है. छात्राओं के पीरियड्स हैं या नहीं, यह जांचने के लिए जो तरीका अपनाया गया, मुद्दा यह था. गौरतलब है कि श्री सहजानंद गर्ल्स इंस्टिट्यूट में 68 छात्राओं के कपड़े उतरवाकर पीरियड्स की जांच की गई थी.
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इसके लिए बाकायदा एक रजिस्टर भी रखा गया था. एक स्थानीय मीडिया संस्थान में खबर छपने के बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया और मुख्यमंत्री की ओर से कार्रवाई के निर्देश मिलने के बाद प्रिंसिपल और वार्डन समेत 4 के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. इस मामले में 3 कर्मचारियों को सस्पेंड भी किया जा चुका है.