#370InShaheenBagh: जानिए क्या है PFI, जिसके फंडिंग से देश में फैला दंगा!
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#370InShaheenBagh: जानिए क्या है PFI, जिसके फंडिंग से देश में फैला दंगा!

हमारे देश में अफ़ज़ल प्रेमी गैंग और टुकड़े-टुकड़े गैंग की कई शाखाएं हैं. जो अलग-अलग समय में नए-नए नाम और अवतार में दिखाई देती हैं. ऐसा ही एक देशविरोधी संगठन शरजील प्रेमी गैंग के नाम से सामने आया है. इस गैंग के लोग खुद को JNU के छात्र शरजील के साथ बता रहे हैं. 

 #370InShaheenBagh: जानिए क्या है PFI, जिसके फंडिंग से देश में फैला दंगा!

हमारे देश में अफ़ज़ल प्रेमी गैंग और टुकड़े-टुकड़े गैंग की कई शाखाएं हैं. जो अलग-अलग समय में नए-नए नाम और अवतार में दिखाई देती हैं. ऐसा ही एक देशविरोधी संगठन शरजील प्रेमी गैंग के नाम से सामने आया है. इस गैंग के लोग खुद को JNU के छात्र शरजील के साथ बता रहे हैं. ये वही शरजील है, जिसने खुलेआम देश को टुकड़े-टुकडे करने की धमकी दी है. आज हम शरजील उसके कार्य-कर्ताओं के ज़हरीले बयानों का विश्लेषण करेंगे. लेकिन, उससे पहले बात करेंगे ZEE NEWS के एक बड़े खुलासे की.

खुलासा ये है कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ चल रहे धरना प्रदर्शन और इस कानून के विरोध में हुई हिंसा के पीछे PFI यानी Popular Front of India का हाथ था. सूत्रों से पता चला है कि हिंसा भड़काने के लिए PFI ने फंडिंग की थी. और अकेले शाहीन बाग में PFI के 5 दफ्तर भी हैं. लेकिन, सबसे पहले PFI की फंडिंग की खबर सुनिए.

हमें कुल 73 बैंक खातों का पता चला है, जिसमें PFI के 27 खाते हैं. बाकी बैंक एकाउंट PFI से जुड़े. Rehab India Foundation और दूसरे संगठनों के हैं. इन बैंक खातों में करीब 120 करोड़ रुपये जमा किए गए और 2 से 3 दिनों में ये पैसे निकाल भी लिए गए.

केरल के कोझीकोड में PFI के एक बैंक खाते की जांच की गई तो पता चला कि इस संगठन ने कई जाने-माने लोगों या संस्थाओं को भुगतान किया है. इनमें कांग्रेस के नेता और वकील कपिल सिब्बल भी शामिल हैं. कपिल सिब्बल को 77 लाख रुपये दिए गए हैं. इस लिस्ट में इंदिरा जय सिंह और दुष्यंत ए. दवे का भी नाम है. ये दोनों भी सुप्रीम कोर्ट के वकील हैं.

इस खुलासे के बाद कपिल सिब्बल ने कहा है कि उन्हें ये पैसे उनके पेशे यानी वकालत के लिए मिले थे. सिब्बल का कहना है कि केरल के हादिया केस में वो उसके वकील थे. सुप्रीम कोर्ट में इस मुकदमे में हादिया की जीत हुई थी.

कपिल सिब्बल, इंदिरा जय सिंह और दुष्यंत दवे तीन साल पुराने हादिया केस में वकील थे. केरल की रहने वाली हादिया के पिता का आरोप था कि उसकी बेटी लव जिहाद का शिकार हुई है. NIA यानी राष्ट्रीय जांच एजेंसी की जांच में पता चला था कि अखिला का जबरदस्ती धर्म बदलवाकर, उसके साथ निकाह किया गया.

लेकिन हादिया अपने शौहर शफीन के साथ रहना चाहती थी. मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और वहां हादिया की जीत हुई. यानी उस केस में कपिल सिब्बल जीत गए थे. लेकिन, सवाल उठता है कि पति-पत्नी और निकाह के इस केस में PFI कहां से आया. अगर ये एक साधारण घरेलू केस था तो इसमें इतने महंगे वकील क्यों रखे गए.

WATCH: DNA

इस केस में कपिल सिब्बल को 77 लाख, दुष्यंत दवे को 11 लाख और इंदिरा जयसिंह को 4 लाख रुपये यानी कुल मिलाकर 92 लाख रुपये क्यों खर्च किए गए? कहा जाता है कि हादिया का पति PFI का एक्टिविस्ट था. जरा सोचिए, ये कैसा संगठन है, जो अपने कार्यकर्ता की पैरवी के लिए करीब 1 करोड़ रुपये खर्च कर देता है?

आगे बढ़ने से पहले आपको PFI के बारे में बता देते हैं. NIA के मुताबिक 1992 में अयोध्या का विवादास्पद ढांचा टूटने के बाद 1993 में केरल में नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट का गठन हुआ था, जिसका नाम वर्ष 2006 में PFI यानी Popular Front of India हो गया  पहली बार ये संघटन 2010 में तब चर्चा में आया, जब इस पर केरल में एक प्रोफेसर का हाथ काटने का आरोप लगा.

PFI पर केरल में लव जिहाद यानी जबरदस्ती धर्मांतरण के बाद निकाह कराने का भी आरोप है. आरोप है कि इस संगठन को सऊदी अरब जैसे मुस्लिम देशों से फंड मिलता है. NIA के मुताबिक PFI के संबंध प्रतिबंधित संगठन SIMI से भी हैं. पिछले साल PFI पर झारखंड सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया था. आरोप था कि इसके संबंध आतंकवादी संगठन ISIS से हैं.

अब वापस नागरिकता कानून के विरोधी में भड़की हिंसा और PFI से उसके संबंध पर लौटते हैं. पिछले दिनों खुफिया एजेंसियों ने बताया था कि नागरिकता कानून के विरोध में हुई हिंसा के पीछे PFI का हाथ है. आज PFI के बैंक खातों को लेकर जो खुलासा हुआ है, उससे भी इस बात की पुष्टि हो रही है. 

8, 9 और 10 दिसंबर को PFI के खाते से पैसे निकाले गए. इसके बाद 12, 14, 15, 16, 17, 19 और 20 दिसंबर को असम और उत्तर प्रदेश में हिंसा हुई. इसके बाद 21 दिसंबर को PFI के खाते से पैसे निकाले गए. 21, 23 और 24 दिसंबर को यूपी, दिल्ली और कर्नाटक में हिंसा हुई. फिर 26 दिसंबर को PFI के खाते से पैसे निकाले गए. जिसके बाद 27 दिसंबर को दिल्ली और उत्तर प्रदेश में हिंसा. जब 31 दिसंबर को बैंक खाते से पैसे निकाले गए, तब 31 दिंसबर और 1 जनवरी को दिल्ली में फिर हिंसा हुई. 2 जनवरी को भी बैंक के खातों से पैसे निकाले गए, जिसके बाद 4 जनवरी को देश में कई जगहों पर हिंसा हुई.

हमें ये भी पता चला है कि PFI ने शाहीन बाग में अपने 5 दफ्तर खोल रखे हैं. आज हमने जब शाहीन बाग में उन दफ्तरों तक पहुंचने की कोशिश की तो हमें रोक दिया गया. शाहीन बाग इसी देश में है, लेकिन हमें वहां नहीं जाने दिया गया. तो क्या नागरिकता कानून के विरोध के पीछे एक बहुत बड़ी साज़िश है?

हमने पहले भी ये बात कही कि आजकल अफजल प्रेमी गैंग नए-नए अवतार में सामने आ रहा है. नए-नए POSTER BOY और POSTER GIRL बड़े शान से देश को टुकड़े-टुकड़े करने की कसमें खा रहे हैं. दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय ने तो कई मौकों पर ये साबित कर दिया है कि जिन्ना वहां के कुछ छात्रों के आदर्श हैं. अब JNU की ही एक छात्रा फातिमा आफरीन ने नागरिकता कानून के नाम पर अफ़ज़ल का महिमा-मंडन किया है. और सुप्रीम कोर्ट के फैसलों पर सवाल उठाया है.

कुछ दिनों पहले JNU के छात्र...और टुकड़े-टुकड़े गैंग के नए सदस्य शरजील इमाम ने भी देश को तोड़ने वाले बयान दिए थे. ऐसे लोग आपके आस-पास ना पहुंचें, और ऐसे लोगों से आप सावधान रहें. इसलिए इनके बयान आपको याद रखने चाहिए .

शरजील इमाम के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज हो चुका है. 5 राज्यों की पुलिस उसकी तलाश कर रही है. लेकिन अफसोस की बात है कि शरजील इमाम जैसे लोगों के समर्थन में भी सोशल मीडिया पर अभियान चलाए जा रहे हैं. एक जागरूक नागरिक होने के नाते आपका ये कर्तव्य है कि देश विरोधी बयानों का उतनी ही ताकत से जवाब दें. लेकिन, आपका तरीका अ-हिंसक और वैचारिक होना चाहिए.ZEE NEWS ने हमेशा विचारों के हथियार से ये काम किया है. और हम आगे भी बिना रुके, बिना डरे इस काम में आपकी मदद करते रहेंगे.

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