इस स्कूल में छात्राएं जोर-जोर से चीखने के बाद हो जाती हैं बेहोश, जानिए क्या है वजह
मध्य प्रदेश के शहडोल जिला मुख्यालय से 105 किलोमीटर दूर स्थित अनहरा गांव के प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल में पढ़ने वाली एक दर्जन से अधिक छात्राएं अजीब बीमारी से ग्रस्त हैं।
शहडोल, जेएनएन। मध्य प्रदेश के शहडोल जिला मुख्यालय से 105 किलोमीटर दूर स्थित अनहरा गांव के प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल में पढ़ने वाली एक दर्जन से अधिक छात्राएं अजीब बीमारी से ग्रस्त हैं। ये लड़कियां स्कूल में अचानक बैठे-बैठे कांपने लगती हैं और जोर-जोर से चीखने के बाद बेहोश हो जाती हैं। यह सिलसिला 12 दिसंबर से जारी है, लेकिन जिला प्रशासन ने अब तक इस मामले में गंभीरता नहीं दिखाई है। इससे गांव में दहशत है। डर के कारण अधिकांश बच्चों ने स्कूल आना ही बंद कर दिया है।
प्रशासन ने डेढ़ माह तक सुध नहीं ली
अनहरा गांव के लोगों का कहना है कि छात्राओं की इस हालत की जानकारी जिला प्रशासन को दी है लेकिन डेढ़ माह बाद भी किसी ने सुध नहीं ली। अनहरा के माध्यमिक और प्राथमिक स्कूल में कक्षा से पहली से लेकर आठवीं तक 87 छात्र संख्या दर्ज है, लेकिन इस समय में सिर्फ 20 विद्यार्थी ही स्कूल आ रहे हैं। 26 जनवरी को बेहोश हुई चार छात्राएं स्कूल में गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में चार छात्राएं बेहोश होकर गिर गई। लगभग आधे घंटे बाद उनको होश आया। इस घटना के बाद से गांव में और ज्यादा दहशत है।
चाइल्ड लाइन ने देखा
चाइल्ड लाइन टीम 24 जनवरी को इस मामले में पड़ताल करने अनहरा स्कूल पहुंची। टीम के सदस्य प्रदीप शुक्ला ने बताया कि हमने अपनी गाड़ी को स्कूल से दूर खड़ा कर दिया। परिसर में पैदल पहुंचे वहां बच्चे धूप में पढ़ाई कर रहे थे। इनमें से एक बच्ची अचानक कांपने लगी और इसका शरीर अकड़ने लगा। कुछ समय बाद दूसरी बच्ची भी हरकत करने लगी। धीरे-धीरे छह से सात लड़कियां कांपते-कांपते अपनी एड़ी जमीन में रगड़ने लगीं और उनकी एड़ी में खरोंच तक नहीं आई।
मास हिस्टिरिया के लक्षण
मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. मुकुंद चतुर्वेदी ने बताया कि मास हिस्टिरिया के लक्षण हैं यह जो लक्षण हैं उसे मास हिस्टिरिया (व्यापक मनोन्माद) कहते हैं। इसका इलाज संभव है। इससे प्रभावित लोगों को कुछ समय के लिए उस वातावरण से दूर कर देना चाहिए, साथ ही उनकी काउंसिलिंग की जाए तो यह लक्षण ठीक हो सकता है। यह मनोरोग भी है, जो एक दूसरे को प्रभावित होते देखने से लगता है। बच्चों को इस बीमारी से दूर करने के लिए अच्छा संवाद करना होगा।
यह भी पढ़ें: जवाहर नवोदय विद्यालय की 92 छात्राओं ने खुद को कमरे में किया बंद, जानिए क्या है वजह