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विधानसभा में नागरिकता कानून के खिलाफ प्रस्ताव पास, केरल और पंजाब के बाद ऐसा करने वाला तीसरा राज्य

4 वर्ष पहले
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(बाएं) उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (दाएं)। -फाइल - Dainik Bhaskar
(बाएं) उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (दाएं)। -फाइल
  • पहला राज्य जिसने सीएए के साथ ही एनपीआर में हुए संशोधन के खिलाफ संकल्प पास किया
  • राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही 10 फरवरी सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित की गई

जयपुर. राजस्थान विधानसभा ने शनिवार को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रस्ताव पास किया। केरल और पंजाब के बाद ऐसा प्रस्ताव पास करने राजस्थान तीसरा राज्य बन गया है। हालांकि, राजस्थान विधानसभा में सीएए के साथ ही एनपीआर में हुए संशोधनों को लेकर भी संकल्प पास हुआ। राजस्थान पहला राज्य है, जहां एनपीआर के संशोधनों को लेकर कोई संकल्प पास किया गया है। इसके बाद विधानसभा की कार्यवाही 10 फरवरी सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।


शनिवार को जब सदन में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया गया तो विपक्ष ने विरोध किया। भाजपा सदस्य वेल में चले आए और सीएए के समर्थन में नारे लगाए। इससे पहले एससी-एसटी आरक्षण को बढ़ाने वाला 126वां संशोधन प्रस्ताव पारित किया गया। केरल विधानसभा ने 31 दिसंबर 2019 और पंजाब विधानसभा ने 17 जनवरी को नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रस्ताव पास किया था। 

धर्म के आधार पर ऐसा भेदभाव ठीक नहीं है- प्रस्ताव
राजस्थान विधानसभा में सीएए के खिलाफ पेश प्रस्ताव में कहा गया कि संसद द्वारा अनुमोदित सीएए के जरिए धर्म के आधार पर अवैध प्रवासियों को निशाना बनाया गया है। धर्म के आधार पर ऐसा भेदभाव ठीक नहीं है। यह संविधान की धर्मनिरपेक्ष वाली मूल भावना के खिलाफ है। यही कारण है कि सीएए के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। संकल्प में एनआरसी और असम का भी जिक्र किया गया है।

कानून तो आपको लागू करना ही पड़ेगा: भाजपा
विधानसभा में बहस के दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा, ‘‘जब संसद ने यह कानून (सीएए) पारित कर दिया तो फिर आप इसे लागू क्यों नहीं कर रहे हैं। यह कानून तो आपको लागू करना ही पड़ेगा। दुनिया की कोई ताकत इसे नहीं रोक सकती।’’

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