scorecardresearch
 

National Voters Day: लाखों महिलाओं को वोट देने से रोका था! पढ़ें पहले CEC सुकुमार सेन के बारे में

National Voters Day 2020: भारतीय चुनाव आयोग की स्थापना 25 जनवरी 1950 को हुई थी. इसलिए इस ऐतिहासिक दिन को साल 2011 से राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूप में मनाया जाता है. 

Advertisement
X
National Voters Day 2020: भारत के पहले मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुकुमार सेन (फाइल फोटो)
National Voters Day 2020: भारत के पहले मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुकुमार सेन (फाइल फोटो)

  • 25 जनवरी 1950 को भारतीय चुनाव आयोग की स्थापना
  • सुकुमार सेन थे आजाद भारत के पहले मुख्य निर्वाचन आयुक्त

भारत में 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस यानी नेशनल वोटर्स डे मनाया जाता है. दरअसल, 25 जनवरी 1950 को भारतीय चुनाव आयोग की स्थापना हुई थी. इसलिए इस ऐतिहासिक दिन को साल 2011 से राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूप में मनाया जाता है. मतदाता दिवस के मौके पर हम आपको बता रहे हैं कि भारत में पहली बार कैसे चुनाव प्रक्रिया को पूरा किया गया.

भारत में 1951-52 में हुआ पहला चुनाव

भारत 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ लेकिन 1951-52 में आजाद भारत का पहला चुनाव हुआ. बंगाल के मुख्य सचिव के रूप में काम करने वाले आईसीएस अधिकारी सुकुमार सेन ने प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के सामने भारत में चुनाव कराने का प्रस्ताव रखा. सुकुमार सेन को भारत का पहला मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) नियुक्त किया गया.

यह भी पढ़ें- National Voters Day: वोट देते हैं तो जानें- मतदाताओं के लिए ये जरूरी नियम

वोटर लिस्ट बनाना सबसे बड़ी चुनौती

सुकुमार सेन ने चुनाव की पूरी रूपरेखा तैयार की और देश में चुनाव करवाने में सफल हुए. हालांकि देश में चुनाव कराने के लिए सुकुमार सेन को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा. जिसमें सबसे बड़ी चुनौती महिलाओं के नामों को लेकर सामने आई. दरअसल, उस दौर में महिलाएं अनजान लोगों को अपना नाम बताने से बचती थीं. वोटर लिस्ट तैयार करने पहुंचे अधिकारियों को इन महिलाओं ने अपने नाम 'फलां की पत्नी' या 'फलां की मां' के तौर पर दर्ज कराए.

Advertisement

इसके बाद, सुकुमार सेन की अगुआई वाले चुनाव आयोग ने फैसला किया कि जो महिलाएं अपना नाम और पहचान नहीं बताएंगी उन्हें मतदाता लिस्ट में शामिल नहीं किया जाएगा.

यह भी पढ़ें- भारत में मतदाताओं के लिए हैं ये नियम, क्या आप जानते हैं?

करीब 28 लाख महिलाएं नहीं दे सकीं वोट

इसका नतीजा ये हुआ कि 1951-52 में जब देश में पहली बार चुनाव हुए तो करीब 28 लाख महिलाओं को वोट देने की इजाजत नहीं मिली. जानकारी के मुताबिक 1951 में जब पहली बार चुनाव हुआ तो भारत में मतदाताओं की संख्या करीब 17 करोड़ थी. इसके बाद सुकुमार सेन ने 1957 का दूसरा लोकसभा चुनाव भी करवाया. सुकुमार सेन 21 मार्च 1950 से 19 दिसंबर 1958 तक देश के मुख्य चुनाव आयुक्त के पद पर रहे.

बता दें कि देश में पहली बार बैलेट पेपर के माध्यम से ही मतदान हुआ था. राष्ट्रीय मतदाता दिवस (National Voters Day) मनाने का उद्देश्य देश के वोटर्स को उनके अधिकारों और लोकतंत्र के प्रति कर्तव्य की याद दिलाना है. जिससे ज्यादा से ज्यादा संख्या में युवा अपने मतदान का प्रयोग करें.

Advertisement
Advertisement