कश्मीर के लोग स्मार्टफ़ोन क्यों नहीं ख़रीद रहे?

  • रियाज़ मसरूर
  • श्रीनगर से, बीबीसी हिंदी के लिए
कश्मीरी स्मार्टफोन क्यों नहीं खरीद रहे?

कश्मीर में स्मार्टफ़ोन अब स्मार्ट नहीं रहे, वो सिर्फ़ महंगी घड़ियाँ बनकर रह गए हैं.

पिछले साल 5 अगस्त को घाटी में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं. इतने लंबे वक्त की इंटरनेट कटौती की वजह से कश्मीर में स्मार्टफोन की बिक्री कम हो गई है.

कश्मीर के बिज़नेस हब श्रीनगर में एक स्मार्टफ़ोन डीलर मुनीर कुरैशी कहते हैं, "पांच अगस्त से पहले तक एक महीने में 40 हज़ार फोन बिक जाते थे, लेकिन अब मुश्किल से दो हज़ार फोन बिकते हैं. हमारे व्यापार में 95 प्रतिशत की कमी आई है."

बिक्री में आई कमी से सिर्फ व्यापारियों को ही नुकसान नहीं हो रहा बल्कि इससे हज़ारों सेल्समैन और टेक्नीशियनों के काम पर भी असर पड़ा है.

कश्मीरी स्मार्टफोन क्यों नहीं खरीद रहे?
इमेज कैप्शन,

मुनीर कुरैशी

एक फ़ोन स्टोर में काम करने वाले वसीम अहमद कहते हैं, "मेरे कई साथियों की नौकरी जा चुकी है. जल्द ही मैं भी नौकरी खोने वाले सैकड़ों लोगों में शामिल हो सकता हूं. मैं बहुत कम उम्र से इस उद्योग में काम कर रहा हूं, लेकिन अब इंटरनेट पाबंदी की वजह से मेरी नौकरी पर बन आई है."

पिछले करीब छह महीने से कश्मीर इतिहास के सबसे ख़राब कम्युनिकेशन ब्लैकआउट से जूझ रहा है.

अब जब फोन काम करने लगे हैं और बांदीपोरा और कुपवाड़ा ज़िलों में टू-जी इंटरनेट भी चल रहा है, लंबे समय की इंटरनेट कटौती से हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है.

कश्मीर व्यापारी संघ के सदस्य बशीर अहमद भट ने बीबीसी से कहा, "कश्मीर के हालात और कर्फ्यू की वजह से हमारी कमर टूट गई, लेकिन इंटरनेट पाबंदी की वजह से व्यापारियों की सभी उम्मीदें खत्म हो गईं."

कश्मीरी स्मार्टफोन क्यों नहीं खरीद रहे?
इमेज कैप्शन,

बशीर अहमद भट

स्मार्टफोन यूज़र बिस्मा मट्टू अपना आइफ़ोन अपग्रेड करने के बारे में सोच रहे थे, लेकिन पांच अगस्त के बाद उन्होंने ये योजना बदल दी.

वो कहते हैं, "हम 21वीं सदी में हैं और भारत चांद पर मिशन भेज रहा है. लेकिन कश्मीर में आपके पास इंटरनेट नहीं है और जहां भी कम स्पीड का टू-जी इंटरनेट काम कर रहा है, वहां सोशल मीडिया और व्हाट्सऐप पर बैन है. आप बताइए मैं स्मार्टफोन क्यों खरीदूं."

घाटी में लंबे वक्त तक इंटरनेट बैन की वजह से ना सिर्फ स्मार्टफोन के व्यापार को नुक़सान हुआ है, बल्कि इससे वहाँ ज़िंदगी के हर पहलू पर असर पड़ा है.

कश्मीरी स्मार्टफोन क्यों नहीं खरीद रहे?

कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने हाल में एक सर्वे जारी किया है, जिसमें दावा किया गया है कि घाटी में 18 हज़ार करोड़ रुपए का आर्थिक नुकसान हुआ है.

सर्वे के मुताबिक पिछले साल 5 अगस्त से इंटरनेट बैन और दूसरी पाबंदियों की वजह से कम-से-कम पांच लाख लोगों की नौकरी चली गई है.

भारत के उद्योग और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने अपनी कश्मीर यात्रा के दौरान कहा कि भारत सरकार कश्मीर के लिए जल्द ही एक औद्योगिक पैकेज की घोषणा करेगी.

इंटरनेट बैन की वजह से हुए नुक़सान से लोग इतने परेशान हैं कि इस घोषणा ने उनके अंदर कोई उम्मीद पैदा नहीं की.

(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)