सरकार इंश्योरेंस सेक्टर में जान फूंकने के लिए FDI की सीमा बढ़ाने पर विचार कर रही है.
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नई दिल्ली: देश का बीमा क्षेत्र आगामी बजट में सरकार से काफी उम्मीदें लगाए बैठा है. इंश्योरेंस सेक्टर पिछले कई महीनों से सरकार को अपनी समस्याओं से अवगत कराता रहा है. इस क्षेत्र के दर्द को समझते हुए केंद्र सरकार आगामी बजट में कई घोषणाएं कर सकती है. सरकार इंश्योरेंस सेक्टर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की सीमा 49% से बढ़ाकर 74% कर सकती है. 1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इंश्योरेंस सेक्टर को और भी कई शानदार तोहफे दे सकती हैं.
FDI की सीमा बढ़ने के आसार
केंद्रीय वित्त मंत्रालय में बजट से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि सरकार इंश्योरेंस सेक्टर में जान फूंकने के लिए FDI की सीमा बढ़ाने पर विचार कर रही है. मौजूदा मंदी को देखते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री विदेशी निवेश को बढ़ा कर 74 प्रतिशत करने की घोषणा कर सकती हैं. सरकार घरेलू बीमा कंपनियों के ओनरशीप कंट्रोल को विदेशी और भारतीय प्रमोटर में बैलेंस का भी जिक्र कर सकती है. इससे पहले 2015 में इंश्योरेंस में FDI सीमा 26% से बढ़ाकर 49% की गई थी.
इंश्योरेंस सेक्टर को होगा फायदा
जानकारों का कहना है कि अगर सरकार ने बजट में एफडीआई की सीमा बढ़ा दी तो इंश्योरेंस क्षेत्र में तेजी आ सकती है. इस वित्तीय वर्ष में तमाम निजी बीमा कंपनियों को लिक्विडिटी की कमी की वजह से मंदी का सामना करना पड़ा है. कई कंपनियों को विस्तार के लिए पूंजी की जरूरत है. एफडीआई सीमा बढ़ने से विदेशी कंपनियां भारत में ज्यादा पैसा लगा सकेंगी. इसके साथ ही विदेशी प्लेयर्स नए प्रोडक्ट्स और नई टेक्नोलॉजी भारत में ला पाएंगे. इसके अलावा नई पूंजी मिलने पर इंश्योरेंस सेक्टर की पहुंच बढ़ाने में मदद मिलेगी.