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फडणवीस को SC से राहत, अब खुली अदालत में होगी 'झूठे हलफनामे' की सुनवाई

वकील सतीश उके ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर आरोप लगाया है कि 2014 के चुनाव का नामांकन दाखिल करते समय देवेंद्र फडणवीस ने झूठा हलफनामा दायर किया था. इतना ही नहीं उन्होंने हलफनामे में अपने खिलाफ दो आपराधिक मामलों की जानकारी भी छिपाई थी.

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महाराष्ट्र के पूर्व सीएम फडणवीस को SC से राहत
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम फडणवीस को SC से राहत

  • चुनावी हलफनामे में जानकारी छुपाने का है आरोप
  • अब खुली अदालत में होगी सुनवाई, SC ने मानी मांग

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है. कोर्ट ने देवेंद्र फडणवीस की पुनर्विचार याचिका पर खुली अदालत में सुनवाई की मांग मान ली है. चुनावी हलफनामे मामले की सुनवाई अब खुली अदालत में होगी.

देवेंद्र फडणवीस ने सुप्रीम कोर्ट से उस आदेश पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है, जिसमें 2014 के चुनावी हलफनामे में दो आपराधिक केसों की जानकारी छिपाने के मामले में नागपुर की कोर्ट को ट्रायल फिर से चलाने का आदेश दिया गया था. इसमें एक मामला मानहानि का और दूसरा मामला ठगी का है. कोर्ट ने कहा था कि फडणवीस ने केसों की जानकारी छिपाई थी.

वकील सतीश उके ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर आरोप लगाया कि 2014 के चुनाव का नामांकन दाखिल करते समय देवेंद्र फडणवीस ने झूठा हलफनामा दायर किया था. याचिका में आरोप लगाया गया है कि उन्होंने अपने खिलाफ दो आपराधिक मामलों की जानकारी भी छिपाई थी.

क्या है मामला?

बता दें वकील सतीश उके, देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ साल 1996 और 1998 में  धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े के दर्ज मुकदमे की बात कर रहे हैं. हालांकि इन दोनों ही केसों में उनपर कोई आरोप तय नहीं हुए थे. वकील सतीश उके का आरोप है कि फडणवीस ने नामांकन के दौरान दिए गए हलफनामा में इन दोनों ही क्रिमिनल केसों का जिक्र नहीं किया था.

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उके की याचिका पर नागपुर कोर्ट ने 4 नवंबर को नोटिस जारी किया था, लेकिन हाईकोर्ट ने निचली कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी. हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नागपुर कोर्ट ने फडणवीस को समन जारी किया था.

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