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Delhi Elections 2020: गोकलपुर में कच्ची कॉलोनी का मुद्दा, AAP-BJP के बीच टक्कर

Delhi Elections 2020: 2015 के आंकड़ों के मुताबिक इस सीट पर मतदाताओं की कुल संख्या 1,97,045 है. इनमें से 1,45,714  वोटर्स ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. जिनमें 1,09,005 पुरुष वोटर्स और 88,034 महिला वोटर्स थे.

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Delhi Elections 2020: AAP-BJP के बीच टक्कर
Delhi Elections 2020: AAP-BJP के बीच टक्कर

  • फिलहाल फतेह सिंह विधायक हैं जो AAP के टिकट पर जीते थे
  • AAP ने बदला प्रत्याशी, बीजेपी ने रंजीत कश्यप को फिर उतारा

Delhi Elections 2020 (Gokalpur Assembly Seat): गोकलपुर विधानसभा सीट, नॉर्थ ईस्ट लोकसभा के अंदर आता है. पहले यह इलाका नंद नगरी विधानसभा के अंतर्गत आता था लेकिन 2008 में परिसीमन के बाद यह इलाका सीमापुरी विधानसभा क्षेत्र में चला गया. इस इलाके में कई अनधिकृत कॉलोनी है. इसके अलावा औद्योगिक कचड़े और अपराध मुख्य मुद्दे हैं.

भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी दोनों ने इस चुनाव से पहले अनधिकृत कॉलोनी के मुद्दे को भुनाने की कोशिश की है. बीजेपी ने हाल ही में पीएम मोदी के लिए एक धन्यवाद रैली का आयोजन किया था जिसमें उन्हें अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने के लिए धन्यवाद दिया था. वहीं सीएम केजरीवाल ने गारंटी कार्ड जारी करते हुए कहा है कि झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों को पक्का मकान दिया जाएगा. ऐसे में कच्ची कॉलोनी का मुद्दा इस सीट पर निर्णायक साबित हो सकता है लेकिन मतदाता किसको वोट करेंगे इसका इंतजार दोनों पार्टियों को है.  

फिलहाल इस सीट से फतेह सिंह विधायक हैं जो आम आदमी के टिकट पर चुनाव जीते थे. उन्हें कुल 71,240 वोट मिले थे. वहीं 2015 के दिल्ली चुनाव में इस सीट पर दूसरे नंबर पर रहने वाले प्रत्याशी थे रंजीत सिंह. रंजीत सिंह बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े थे, उन्हें कुल 39,272 वोट मिले थे. यानी दोनों के बीच हार का अंतर लगभग 30 हज़ार वोटों का रहा. वहीं कांग्रेस, 3,344 वोटों के साथ चौथे नंबर पर रही थी. बहुजन समाज वादी पार्टी के उम्मीदवार को कांग्रेस उम्मीदवार के मुकाबले लगभग 27,000 अधिक वोट मिले थे.

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बता दें, 2015 के आंकड़ों के मुताबिक इस सीट पर मतदाताओं की कुल संख्या 1,97,045 है. इनमें से 1,45,714  वोटर्स ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. जिनमें 1,09,005 पुरुष वोटर्स और 88,034 महिला वोटर्स थे.

इनके बीच है मुकाबला

आम आदमी पार्टी ने इस बार के चुनाव में अपने पुराने कैंडिडेट को बदल दिया है. उन्होंने मौजूदा विधायक फतेह सिंह के बदले चौधरी सुरेंद्र कुमार को चुनावी मैदान में उतारा है. वहीं बीजेपी ने पुराने चेहरे पर भरोसा दिखाते हुए रंजीत सिंह कश्यप को एक बार फिर से अपना भाग्य आजमाने का मौका दिया है. जबकि कांग्रेस ने नई उम्मीद के साथ एसपी सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है. ज़ाहिर है  बीजेपी इस बार पुराने चेहरे को तरजीह देने की रणनीति पर काम कर रही है.  

पिछले चुनाव में AAP को मिली थीं 67 सीटें

बता दें कि 2013 विधानसभा चुनाव में दिल्ली में पहली बार आम आदमी पार्टी की सरकार बनी थी. हालांकि इस चुनाव में आम आदमी पार्टी को 28 सीटें ही मिली थीं लेकिन कांग्रेस ने अपनी सात सीटों के समर्थन से उसे सरकार बनाने में मदद की थी.

अरविंद केजरीवाल को सरकार बनाने का मौका दिया. वहीं 32 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सामने आने वाली बीजेपी विपक्ष की भूमिका में रही. लेकिन यह सरकार लंबे समय तक चल नहीं पाई और 49 दिनों बाद केजरीवाल ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया. जिसके बाद कुछ दिनों तक राज्य में राष्ट्रपति शासन रहा और फिर 2015 में एक बार फिर से चुनाव हुआ.

2015 विधानसभा चुनाव में आप ने दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से 67 सीटों पर ऐतिहासिक जीत हासिल की और केजरीवाल फिर से मुख्यमंत्री बन गए.

दिल्ली में कुल वोटर्स की संख्या

चुनाव आयोग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक दिल्ली में कुल 1,46,92,136 मतदाता रजिस्टर्ड हैं. वहीं वोट डालने के लिए चुनाव आयोग ने कुल 2,698 वोटिंग केंद्र बनाए हैं, जबकि 13,750 पोलिंग स्टेशन.  

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इस बार दिल्ली में कुल 80,55,686 पुरुष मतदाता, 66,35,635 महिला मतदाता और 815 थर्ड जेंडर मतदाता शामिल होंगे. वहीं चुनाव आयोग ने इस बार कुल 55,823 दिव्यांग वोटर्स को मतदान कराने के लिए अलग से व्यवस्था की है.

इस बार चुनाव आयोग को 489 NRI (नॉन रेसिडेंट ऑफ इंडिया) यानी कि विदेशों में रहने वाले भारतीय वोटर्स के मतदान की भी उम्मीद है.

वहीं दिल्ली में सर्विस वोटर्स की बात करें तो 11,556 वोटर्स में 9,820 केवल पुरुष मतदाता हैं.

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कब होगी मतगणना?

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की पहली पूर्ण विधानसभा का गठन नवंबर 1993 में हुआ था. इससे पहले दिल्ली में मंत्रिपरिषद की व्यवस्था हुआ करती थी. 70 सदस्यीय विधानसभा में एक चरण में मतदान हो रहा है.

दिल्ली में आठ फरवरी को वोट डाले जाएंगे जबकि मतगणना 11 फरवरी को होगी. दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल 22 फरवरी 2020 को समाप्त हो रहा है.

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