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फैक्ट चेक: यूट्यूब पर मौजूद पुराना वीडियो शाहीन बाग के नाम से वायरल

सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में बड़ी तादात में मुस्लिम समाज के लोग देखे जा सकते हैं.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
शाहीन बाग का वीडियो, जहां गैर मुस्लिमों को खाना देने से पहले उसमें थूका जा रहा है.
वेदिका वेदपाठी सहित अन्य फेसबुक यूजर.
सच्चाई
वायरल वीडियो 15 दिसंबर 2018 से यूट्यूब पर मौजूद है और इसका शाहीन बाग से कोई लेना देना नहीं है.

सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में बड़ी तादात में मुस्लिम समाज के लोग देखे जा सकते हैं. इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो शाहीन बाग का है जहां गैर मुस्लिमों को खाना देने से पहले उसमें थूका जा रहा है.

attachment-1_012420044841.pngवायर दावा

एक फेसबुक यूजर ‘वेदिका वेदपाठी ’ ने इस वायरल वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा है, “शाहीन बाग में बाटी जा रही बिरयानी का सच...गैर मुस्लिमो को देने से पहले उसमे थूका जा रहा है।जो इनके घरों मे खाते है वो भी सच्चाई देखलें। सेकुलरों को समझाना बस के बाहर है🙏🏻 सेक्युलर के लिए यही ठीक है.” इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

यह वीडियो फेसबुक पर काफी ज्यादा शेयर किया जा रहा है.

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वायरल वीडियो को InVID टूल की मदद से रिवर्स सर्च करने पर हमें यही वीडियो यूट्यूब पर मिला जो 15 दिसंबर 2018 को पोस्ट किया गया था. इस वीडियो के साथ मलयालम भाषा में एक कैप्शन भी लिखा हुआ था जिसका हिंदी अनुवाद कुछ इस तरह है कि, 'जो लोग इस्लाम में बरकत का मतलब नहीं समझते हैं उन्हें ही इस थूके हुए भोजन को खाना चाहिए.'

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वायरल वीडियो में दिख रहे लोग सामान्य कपड़े पहने हुए हैं जबकि दिल्ली में पिछले डेढ़ दो महीनों से काफी ज्यादा ठंड है और शाहीन बाग में लोग पिछले साल 15 दिसंबर से ठंड के मैसम में ही धरना दे रहे हैं.

गौर करने लायक बात यह भी है कि वीडियो में काफी ज्यादा नारियल और केले के पेड़ दिख रहे हैं, जबकि शाहीन बाग और जी. डी. बिड़ला मार्ग पर चल रहे धरने प्रदर्शन की जगह पर ऐसे पेड़ नहीं दिखते हैं.

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कारवां मैग्जीन ने जीडी बिड़ला मार्ग और शाहीन बाग के धरने के लोकेशन को लेकर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है. इन रिहाइशी इलाकों में नारियल के पेड़ होने की संभावना ना के बराबर है. आप जी. डी. बिड़ला मार्ग और शाहीन बाग की सेटेलाइट तस्वीर यहां देख सकते हैं.

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दरअसल पिछले साल दिसंबर महीने से देश के अन्य हिस्सों सहित दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन अधिनियम और एनआरसी के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. अभी भी लोग शाहीन बाग में इस कानून के खिलाफ धरने पर बैठे हुए हैं. वहीं वायरल वीडियो दिसंबर 2018 से यूट्यूब पर मौजूद है. इससे साफ है कि इस वीडियो का शाहीन बाग में हो रहे धरने से कोई लेना-देना नहीं है.

हालांकि मलयालम भाषा और नारियल-केले के पेड़ देखकर ऐसा लगता है कि वायरल वीडियो केरल का हो सकता है. लेकिन हम पक्के तौर पर यह पता नहीं कर सके कि वीडियो किस जगह का है. स्वतंत्र रूप से इस बात की भी पुष्टि कर पाना संभव नहीं है कि वीडियो में दिख रहा शख्स खाने में थूक रहा है या नहीं.

हमने यूट्यूब पर इस वीडियो को 2018 में अपलोड करने वाले यूट्यूब चैनल को संपर्क किया है. उनकी तरफ से कोई जवाब आता है तो स्टोरी को अपडेट किया जाएगा.

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