साल 2015 में ओखला विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस नेता आसिफ मोहम्मद विधायक रहे. वहीं साल 2008 में कांग्रेस उम्मीदवार परवेज हाशमी विधायक निर्वाचित हुए थे.
बता दें, ओखला एक मुस्लिम बहुल इलाका है. जामिया मिल्लिया विश्वविद्यालय और ओखला बर्ड सैंक्चरी इसी क्षेत्र में आता है. इस बार इस सीट पर मुकाबला बेहद दिलचस्प होने वाला है.
इस चुनाव में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अमानतुल्ला का मुकाबला कांग्रेस के दिग्गज नेता परवेज हाशमी से है. हाशमी, मुस्लिम मतों पर पकड़ तो रखते ही हैं, हिंदू समुदाय के लोगों के बीच भी उनकी लोकप्रियता काफी ज्यादा है. यह उनकी लोकप्रियता ही थी कि साल 2008 के दिल्ली चुनाव में बटला हाउस एनकाउंटर के बावजूद वह जीतने में कामयाब रहे थे.
ओखला के परवेज हाशमी के अलावा आसिफ मोहम्मद खान दो बार विधायक रहे हैं. आसिफ खान तब ओखला से जीतने में कामयाब रहे थे, जब परवेज हाशमी ने राज्यसभा सदस्य चुने जाने बाद विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था.
इसके बाद आसिफ 2013 में दोबारा से विधायक चुने गए, लेकिन 2015 के विधानसभा चुनाव में केजरीवाल की लहर में अपनी सीट नहीं बचा सके. अमानतुल्ला खान ने आसिम खान को मात देकर 2015 में विधानसभा पहुंचे और केजरीवाल के करीबी नेता बने.
हालांकि, अब समीकरण बदल गए हैं और दिल्ली में बीजेपी का ग्राफ बढ़ा है और ब्रह्म सिंह मैदान में उतरे हैं. ऐसे में मुस्लिम वोट में परवेज हाशमी और अमानतुल्ला के बीच बंटेगा तो हिंदू वोट में भी परवेज हाशमी सेंधमारी करेंगे. इस तरह से परवेज के मैदान में उतरने से ओखला का मुकाबला दिलचस्प बन गया है.
इन तीन उम्मीदवारों के बीच मुकाबला
आम आदमी पार्टी ने अपने मौजूदा विधायक अमानतुल्ला खान पर एक बार फिर से दांव लगाया है तो बीजेपी ने ब्रह्म सिंह को टिकट दिया है. परवेज हाशमी के इस सीट से मैदान में उतरने से मुकाबला दिलचस्प हो गया है और यहां एकतरफा नहीं बल्कि त्रिकोणीय लड़ाई मानी जा रही है.
ओखला सीट पर सीएए भी रहेगा मुद्दा
ओखला विधानसभा सीट पर चुनावी सरगर्मी कम सीएए (नागरिकता संशोधन कानून) के विरोध की चर्चा ज्यादा है. जामिया और शाहीन बाग इलाके में पिछले 37 दिनों से सीएए-एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन चल रहे हैं. इसका नतीजा है कि शाहीन बाग देश भर में सीएए विरोध का प्रोटेस्ट मॉडल बन चुका है, जिसकी तर्ज पर देश के कई शहरों में महिलाएं बच्चे और नौजवानों के आंदोलन शुरू हो गए हैं.
चुनाव आयोग की घोषणा के मुताबिक 8 फरवरी 2020 के ओखला विधानसभा क्षेत्र में वोट डाले जाएंगे.. वहीं वोटों की गिनती के लिए 11 फरवरी 2020 की तारीख निर्धारित की गई है.
ओखला में मतदाताओं की संख्या
साल 2015 में ओखला विधानसभा क्षेत्र पर कुल मतदाताओं की संख्या 2,73,464 थी. जिनमें से 1,66,341 पुरुष वोटर्स और 1,07,098 महिला वोटर्स ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. चुनाव आयोग की जानकारी के मुताबिक दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 1,46,92,136 करोड़ वोटर्स के नाम रजिस्टर्ड हैं.