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कौन है वो 'महिला' व्योममित्र जिसे पहली बार स्पेस में भेजेगा ISRO

आखिर कौन है वो 'महिला' व्योममित्र जिसे पहली बार स्पेस में भेजेगा ISRO
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भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो (Indian Space Research Organization) ने अंतरिक्ष में एक और कदम आगे बढ़ते हुए एक रोबोट को अंतरिक्ष भेजने का फैसला किया है.  जिस रोबोट को मानव रहित यान में बिठाकर अंतरिक्ष भेजा जाएगा उसका नाम व्योममित्र है. आइए आपको बताते हैं कि गगनयान मिशन में व्योममित्र की क्या भूमिका होगी.
आखिर कौन है वो 'महिला' व्योममित्र जिसे पहली बार स्पेस में भेजेगा ISRO
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दरअसल इसरो की तरफ से मानव को अंतरिक्ष में भेजने के लिए गगनयान मिशन की लॉन्चिंग दिसंबर 2021 में होगी. लेकिन इससे पहले सुरक्षा और तकनीकी मानकों को जांचने के लिए इसरो दो मानवरहित मिशन लॉन्च करेगा ताकि मानव मिशन में कोई गलती न हो. पहला मिशन इस साल दिसंबर में होगा. इसी मिशन में एक महिला रोबोट को गगनयान में बिठाकर अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. इसी रोबोट का नाम व्योममित्र रखा गया है.
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व्योममित्र को लेकर जानकारी देते हुए इसरो के वैज्ञानिक सैम दयाल ने बताया कि यह एक हाफ ह्यूमेनॉयड रोबोट है. इस ह्यूमेनॉयड रोबोट में मानव शरीर से संबंधित कुछ मशीनें लगी हैं जो अंतरिक्ष में मानव शरीर संरचना पर होने वाले बदलावों का अध्ययन करेगी.
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बता दें कि गगनयान मिशन के तहत ISRO तीन अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी से 400 किमी ऊपर अंतरिक्ष में 7 दिन की यात्रा कराएगा. इन अंतरिक्षयात्रियों को 7 दिन के लिए पृथ्वी की लो-ऑर्बिट में चक्कर लगाना होगा. इस मिशन के लिए ISRO ने भारतीय वायुसेना से अंतरिक्ष यात्री चुनने के लिए कहा था. अब यह काम पूरा हो चुका है.  
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अंतरिक्ष जाने वाले चार लोगों के बारे में इसरो प्रमुख डॉ के सिवन ने बताया कि इसके लिए इंडियन एयरफोर्स के चार जवान चुन लिए गए हैं. ये अब ट्रेनिंग के लिए रूस जाएंगे. चार जवानों की ट्रेनिंग रूस में जनवरी के इसी हफ्ते से शुरू हो जाएगी.            
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इसरो के इस महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट को लेकर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि हमारे गगननॉट्स (Gaganauts) की ट्रेनिंग रूस में 11 महीने चलेगी. इसके बाद वे भारत में आकर क्रू मॉड्यूल की ट्रेनिंग लेंगे. ये ट्रेनिंग बेंगलुरु के पास चलकेरा में होने की संभावना है.
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