दिल्ली में खड़ा हुआ प्रदूषण पीने वाला पहला टॉवर, 2 घंटे में दिखा देता है 'चमत्कार'
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दिल्ली में खड़ा हुआ प्रदूषण पीने वाला पहला टॉवर, 2 घंटे में दिखा देता है 'चमत्कार'

'फ्रेंच मेड शुद्ध' नाम के इस एयर प्यूरीफायर 750 मीटर के दायरे में हवा को शुद्ध करेगा. स्मॉग फ्री टावर के लगने से ढाई लाख से छह लाख क्यूबिक मीटर हवा रोज शुद्ध की जा सकेगी. स्मॉग टॉवर में हर महीने 30 हजार रुपए का खर्च आएगा, जिसे मार्केट एसोसिएशन उठाएगा.

दिल्ली में लगा पहला स्मॉग टावर.

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में लगातार बढ़ते हुए प्रदूषण पर रोकने के लिए चीन की तर्ज पर स्मॉग टावर लगाने का काम शुरू हो चुका है. दिल्ली में पहला स्मॉग टॉवर लाजपत नगर सेंट्रल मार्केट में लगाया गया है. 'फ्रेंच मेड शुद्ध' नाम के इस एयर प्यूरीफायर 750 मीटर के दायरे में हवा को शुद्ध करेगा. स्मॉग फ्री टावर के लगने से ढाई लाख से छह लाख क्यूबिक मीटर हवा रोज शुद्ध की जा सकेगी. स्मॉग टॉवर में हर महीने 30 हजार रुपए का खर्च आएगा, जिसे मार्केट एसोसिएशन उठाएगा.

स्मॉग टॉवर की ऊंचाई 20 फीट है. यह टावर 500-750 मीटर एरिया में रोजाना 250000 से 600000 क्यूबिक मीटर हवा को साफ करेगा. टावर 2 घंटे के अंदर ही हवा साफ करके एक्यूआई 50 से ऊपर नहीं जाने देगा.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर लगे हैं स्मॉग टावर
देश की राजधानी में अक्टूबर के बाद लगातार प्रदूषण का स्तर गंभीर बन जाता है, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से स्मॉग टावर जैसे विकल्प को तलाशने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त पर्यावरण प्रदूषण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने निर्माण कार्य और औद्योगिक गतिविधियों पर बुधवार तक के लिए रोक लगा दी थी.

दिल्ली में दिवाली के बाद से हवा काफी खराब हो गई थी. देश की राजधानी की हवा की गुणवत्ता लगातार प्रतिकूल मौसमी दशाओं के कारण अत्यंत खराब की श्रेणी में बन चुकी थी. वायु गुणवत्ता सूचकांक 500 तक पहुंच चुका था. ईपीसीए ने दिल्ली यातायात पुलिस को विशेष टीम तैनात कर खासतौर से चिन्हित गलियारे में निर्बाध यातायात सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था.

स्टॉर्टअप कंपनी ने भी तैयार किया है स्मॉग टावर
स्टार्टअप कंपनी ने 40 फुट लंबा ऐसा प्यूरीफायर बनाया है जो उसके तीन किलोमीटर के दायरे में रह रहे 75,000 लोगों को स्वच्छ हवा दे सकता है. कुरीन सिस्टम्स के सह संस्थापक पवनीत सिंह पुरी ने बताया कि कंपनी को हाल ही में 'दुनिया के सबसे लंबे और साथ ही सबसे मजबूत प्यूरीफायर’’ के लिए पेटेंट मिला है. विश्व बौद्धिक संपदा संगठन ने हाल ही में इसके बारे में जानकारी दी थी. पुरी ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी की आबोहवा को ध्यान में रखकर बनाया गया अपनी तरह का अनोखा प्यूरीफायर अपने तीन किलोमीटर के दायरे में रह रहे 75,000 लोगों को स्वच्छ वायु दे सकता है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, दुनिया के दस सबसे प्रदूषित शहरों में से छह शहर भारत के हैं जिसमें दिल्ली इस सूची में सबसे ऊपर है. ग्रीन पीस की पिछले साल प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में वायु प्रदूषण के कारण हर साल 12 लाख लोगों की मौत होती है. कुरीन ने इस प्यूरीफायर को ‘सिटी क्लिनर’ का नाम दिया है.

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