गुजरात सरकार की ओर से मिलने वाली फसल बीमा की सहायता राशि ना मिलने से किसान बार-बार गुहार लगा रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर राज्य सरकार ने फसल बीमा के लिए कितनी रकम देने का फैसला किया है, उसकी जानकारी देने में बीमा कपंनी आनाकानी कर रही है. मंगलवार को गुजरात कांग्रेस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर फसल बीमा के गणित को समझाते हुए रुपाणी सरकार पर कई सवाल खड़े किए. इतना ही नहीं, कांग्रेस ने फसल बीमा के नाम पर होने वाले घोटाले को राफेल से भी बड़ा घोटाला करार दिया.
कांग्रेस ने दावा किया कि उसके पास हैं घोटाले के सबूत
गुजरात किसान कांग्रेस के अध्यक्ष पाल अम्बालिया और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अमित चावड़ा ने कहा कि गुजरात सरकार ने फसल बीमा में 90 प्रतिशत से अधिक भ्रष्टाचार किया है. इतना ही नहीं, फसल बीमा के नाम पर करोड़ों रुपयों के भष्ट्रचार का भी आरोप लगाया गया.
उन्होंने कहा कि सरकार के साथ खेत भवन अधिकारी भी इस घोटाले में शामिल हैं. फसल बीमा के नाम पर सरकार ने प्रति हेक्टेयर 61 हजार रुपए का घोटाला किया है. कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस के पास सर्वे नम्बर के साथ इस बात के सबूत हैं कि जूनागढ़ के दो गांव में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार किया गया है.आरटीआई के बाद भी नहीं मिल रही जानकारी
कांग्रेस ने सरकार फसल बीमा के नाम पर कितने रुपए आंवटित किए हैं इस आंकड़े को जारी करने की एक बार फिर मांग की है. कांग्रेस ने कहा कि इससे पहले भी फसल बीमा को लेकर सरकार ने क्या किया इसकी जानकारी भी नहीं मिल रही है. बल्कि आरटीआई दाखिल करने के बाद भी जानकारी नहीं दी जा रही है. इससे साफ हो जाता है कि सरकार जानकारी को छुपाने की कोशिश कर रही है. अगर सरकार लोगों के सामने जानकारी को रखेगी तो भ्रष्टाचार उजागर हो जाएगा.
फसल बीमा के नाम पर हुआ व्यापक भ्रष्टाचार
कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा कि गुजरात सरकार अपने भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए फसल बीमा के हिसाब को भी छिपा रही है. इससे साफ हो जाता है कि फसल बीमा के नाम पर व्यापक भ्रष्टाचार किया गया है. बीमा कंपनियों के काले करतूत को भी छुपाने की कोशिश मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री कर रहे हैं, जिसकी वजह से गुजरात के किसानों को सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है.