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अनाज मंडी अग्निकांडः मजदूरों को गांव भगा रहे फैक्टरी मालिक, कह रहे- यहां दिखना मत

शुजात आलम, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: Vikas Kumar Updated Wed, 11 Dec 2019 01:55 AM IST
anaj mandi fire Factory owners are sending laborers to villages
शवों के इंतजार में बैठे परिजन - फोटो : अमर उजाला
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‘सेठ जी ने कहा है कि ये पैसे पकड़ो और अपने गांव चले जाओ तुरंत। यहां दिखना नहीं। और हां, जब यहां मामला ठंडा हो जाएगा, तब तुमको बुला लूंगा।’ अनाज मंडी में अवैध तरीके से चल रही फैक्टरियों में काम करने वाले मजदूरों को उनके मालिक कुछ इसी तरह चलता कर रहे हैं। जो मजदूर अकेले रहते हैं, वे तो बात मानकर अपने गांव को निकल गए, लेकिन कुछ ऐसे भी हैं, जो कह रहे हैं कि गांव जाकर क्या करेंगे। यहां कुछ और काम कर लेंगे, लेकिन दिल्ली से नहीं जाएंगे। फिलहाल अनाज मंडी में आग लगने के बाद पूरे इलाके में खौफ का साया पसरा हुआ है।


 
‘अमर उजाला’ ने मंगलवार को इस इलाके में चल रही फैक्टरियों में काम करने वाले सौ से ज्यादा मजदूरों से बात की। इसी गली में काम करने वाले अबू उमर ने बताया कि हमसे दिनभर काम कराया जाता था। रात को ऐसे ही दड़बेनुमा घरों में रहने को कहा जाता था। पांच हजार से दस हजार रुपये माहवार पगार दी जाती थी। चूंकि खाना-पीना फैक्टरी में ही हो जाता था और रहने का भी बंदोबस्त था, इसलिए रुपयों की बचत हो जाती थी। आग लगने के बाद से काम-धंधा पूरी तरह बंद है। 


सोमवार रात हमारे सेठ ने बाजार में हम सभी को बुलाकर दो-पांच हजार रुपये हाथ पर रखे और कहा कि अब तुम लोग अपने-अपने गांव वापस चले जाओ। जैसे ही यहां मामला ठंडा हो जाएगा, तुमको वापस बुला लिया जाएगा। इन मजदूरों ने बताया कि उनके मालिकों ने किसी से भी मिलने और बात करने से मना किया है।
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एक मजदूर मोहम्मद सद्दान हुसैन ने बताया कि हादसे के बाद से उनके सेठ ने फैक्टरी छोड़कर कहीं और चले जाने के लिए कहा था। सदर बाजार इलाके में उसके गांव के कुछ लोग रहते हैं। किसी तरह दो दिन से वह उनके यहां रुका था। काम करने के बाद मालिक उन्हें रोजाना दिहाड़ी देता था। तीन दिन से फैक्टरी बंद है। ऐसे में अब खाने के भी लाले हैं। ऊपर से मालिक ने उन्हें गांव जाने के लिए कह दिया है। सद्दाम ने बताया कि गांव के हालात भी खराब हैं। उसके दिल्ली से पैसे भेजने से ही काम चलता है। 
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यूनुस नामक मजदूर तो बात करते-करते रोने लगा। उसका कहना था कि गांव से आने के बाद उसके रिश्तेदार ने बड़ी मुश्किल से काम दिलवाया था। अब यह काम भी चला गया। बिहार के मधुबनी में उसकी मां बीमार है। उसकी दवा के लिए वह दिल्ली से ही पैसे भेज रहा था। यूनुस ने कहा कि वह दिल्ली छोड़कर नहीं जाएगा। कुछ भी होगा, वह पैसे कमाकर गांव भेजेगा।

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