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- Country's First 150 MW Floating Solar Plant To Be Built In Rukka
देश का पहला 150 मेगावाट का फ्लोटिंग सोलर प्लांट, एक यूनिट बिजली की दर 3.30 रुपया होगी
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- रांची के रूक्का डैम में फिजिबिलिटी सर्वे का कार्य बेल्जियम की एक्सपर्ट टीम ने किया, अब टेक्निकल काम होगा
- पानी में सोलर प्लांट लगाने से गर्मी के दिनों में डैम का पानी वाष्प बनकर नहीं उड़ सकेगा
- झारखंड में पायलट प्रोजेक्ट के तहत सेकी ने सर्वे कार्य पूरा किया, जनवरी में टेंडर के बाद काम शुरू होगा
रांची(कौशल आनंद). देश का पहला 150 मेगावाट का फ्लोटिंग सोलर प्लांट रांची के रूक्का डैम में लगाया जाएगा। झारखंड बिजली वितरण निगम एवं ज्रेडा के सहयोग से यह कार्य सोलर इनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (सेकी) कर रहा है। अब तक केवल केरल में महज 2 मेगावाट और महाराष्ट्र में 500 किलोवाट का फ्लोटिंग सोलर प्लांट थे। उसमें भी केरल का प्लांट दो साल पहले बाढ़ में बह गया था।
रूक्का डैम में प्लांट की बिजली की दर 3.30 रुपया तय किया गया है। इससे उत्पादित बिजली झारखंड बिजली वितरण निगम खरीदेगा। इसकी क्षमता 100 से 150 मेगावाट रखी गई है। अगर यह पॉयलेट प्रोजेक्ट सफल होता है तो आगे अन्य जलाशयों में इसे लगाने का काम शुरू होगा। इससे झारखंड में ग्रीन इनर्जी को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया जा रहा है।
बेल्जियम की एक्सपर्ट टीम ने सेकी को हरि झंडी दी
सेकी ने फिजिबिलिटी सर्वे का कार्य बेल्जियम की एक्सपर्ट टीम से कराई थी। इसमें इसे करीब-करीब हरि झंडी मिल चुकी है। अब इसकी टेक्निकल फिजिबिलिटी चेकिंग का काम होगा। इसके बाद सेकी ही इसका टेंडर जनवरी में करेगा। इसके बाद इस प्लांट के लगाए जाने का रास्ता साफ हो जाएगा।
फ्लोटिंग सोलर प्लांट से जल वाष्प रुकेगा
फलोटिंग सोलर प्लांट लगाने के पीछे मुख्य वजह जमीन है। इतना बड़ा प्रोजेक्ट लगाने के लिए हजारों एकड़ जमीन की जरूरत होगी। पानी में इसे लगाने से जलाशयों का पानी वाष्प बनकर नहीं उड़ेगा जो गर्मी के दिनों में अधिक होता है।