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रणदीप सुरजेवाला के खिलाफ एसआईटी गठित, घोटाले की शिकायत पर विज ने दिया जांच का आदेश

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, अंबाला (हरियाणा) Published by: ajay kumar Updated Sun, 08 Dec 2019 07:25 PM IST
Minister Anil vij formed SIT on complaint of scam
अनिल विज, रणदीप सुरजेवाला - फोटो : फाइल फोटो
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ऊर्जा मंत्री रहते कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला पर करोड़ों रुपये के घोटाले का आरोप है। यह आरोप हिसार के कौत कलां निवासी अजय संधू ने गृहमंत्री को सौंपी शिकायत में लगाए हैं। उनका आरोप है कि जब इस घोटाले से पर्दा उठा तो उन्होंने पूरे मामले में मुझे बलि का बकरा बना दिया।  



अजय का आरोप है कि वर्ष 2009-10 में रणदीप सिंह सुरेजवाला बिजली मंत्री थे, उसका कार्यालय उस समय पंचकूला में था। वह संधू सिक्योरिटी एजेंसी के नाम से अनुबंध पर कर्मी उपलब्ध करवाते थे। अजय ने बताया कि इसी बीच उनकी मुलाकात ईश्वर नैन से हुई। नैन ने उससे कहा कि सुरजेवाला उसके घनिष्ठ मित्र हैं और वह उसे बिजली निगम में टेंडर दिला सकते हैं।


इस तरह नैन ने सुरजेवाला से उसकी मुलाकात करवाई। बदले में नैन को उसे अपने टेंडर में पार्टनर बनाना पड़ा। नैन को पार्टनर बनाते ही रणदीप सिंह ने उसे बिजली निगम के टेंडर दिला दिए जबकि उसके पास न तो कोई अनुभव था न ही वह शर्तें पूरी करता था।
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प्रदेशभर में ठेके पर की 4 हजार भर्तियां, 5 से 50 हजार तक की ली रिश्वत

शिकायतकर्ता अजय ने विज को दिए शिकायती पत्र में कहा है कि प्रदेश भर में करीब 4 हजार लाइनमैन और सहायक लाइनमैन की भर्ती ठेके के तहत उस समय की गई। भर्ती के लिए किसी से 5 तो किसी से 50 हजार रुपये तक रिश्वत ली गई। लेकिन जब इन्हें न तो ईपीएफ दिया न ईएसआई तो विरोध शुरू हो गया। 

इस पर बिजली निगम ने सर्विस टैक्स चोरी और ईपीएफ आई ईएसआई चोरी की शिकायत कर दी। भिवानी सहित 11 जिलों में एफआईआर दर्ज की गई, जिसमें केवल अजय को आरोपी बना दिया गया। जबकि सुरजेवाला व अन्य के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। अजय ने बताया कि उसे करीब 3 करोड़ रुपये का देनदार सभी ने बना दिया। 

प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से की शिकायत, शुरू हुई विजिलेंस जांच

शिकायतकर्ता ने विज को बताया कि जब उसने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को शिकायत दी तो उन्होंने विजिलेंस से जांच शुरू करवा दी लेकिन विजिलेंस भी एकतरफा कार्रवाई कर रही है और आज तक सुरजेवाला को बयान के लिए तलब नहीं किया गया। शिकायतकर्ता ने विज से इस मामले में एसआईटी गठित कर जांच की गुहार लगाई।

न चीफ इलेक्ट्रिशियन का सर्टिफिकेट न अनुभव

शिकायतकर्ता अजय ने बताया कि ठेका लेने के लिए निर्धारित शर्त यह थी कि कंपनी के पास दो साल का अनुभव हो। जिसने सरकारी विभागों में इस तरह की पहले सेवाएं दी हों। दूसरा चीफ इलेक्ट्रीशियन का सर्टिफिकेट होना अनिवार्य था। लेकिन उसके पास ऐसा कुछ नहीं था फिर भी टेंडर दिलाया दिए गए थे। 

शिकायतकर्ता ने आरटीआई की सूचना और शिकायत मुझे दी है। इस मामले में डीजीपी को एक नई एसआईटी गठित करने के आदेश दिए गए हैं। यह भी कहा गया है कि सुरजेवाला को बुलाकर उनसे भी पूछताछ की जाए। जिन्होंने इस मामले में कोताही बरती है, उनके खिलाफ भी निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी। किसी को बख्शा नहीं जाएगा चाहे वो कोई भी हो। अनिल विज, गृहमंत्री।
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